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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। 21 जून 2025 को 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रूपईडीहा क्षेत्र में “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के तहत विविध और उत्साहपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए। सरस्वती विद्या मंदिर, रूपईडीहा और बहराइच वन प्रभाग की रूपईडीहा रेंज में सामूहिक योग सत्र, स्वच्छता अभियान, और वृक्षारोपण जैसे आयोजनों ने इस दिन को यादगार बनाया। इन कार्यक्रमों में स्थानीय समुदाय, गणमान्य व्यक्ति, और वन विभाग के कर्मचारियों की व्यापक भागीदारी देखी गई।

सरस्वती विद्या मंदिर में योग सत्र
सरस्वती विद्या मंदिर, रूपईडीहा में योग दिवस का भव्य आयोजन चेयरमैन डॉ. उमाशंकर वैश्य और डॉ. अश्विनी वैश्य के संयोजन में किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने योग के शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभों पर प्रकाश डालते हुए इसे दैनिक जीवन में अपनाने का संदेश दिया। योग को स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली का आधार बताते हुए उन्होंने इसे सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण से जोड़ा।
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कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भाजपा पूर्व अध्यक्ष अजय मिश्रा, विजय कुमार सिंह, भीमसेन मिश्रा, दिनेश अग्रवाल, रतन अग्रवाल, पत्रकार संजय वर्मा, ए टू जेड अंकल, संघ प्रचारक सर्वेश, कन्हैया वर्मा, राजकुमार शर्मा, तेज प्रताप वर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष महाराज दीन वर्मा, अनुज सिंह, सभासद राजकुमार गुप्ता, पवन अग्रवाल, ब्रजेश श्रीवास्तव, और संदीप सोनी उपस्थित रहे। इन सभी ने योग के महत्व को रेखांकित करते हुए सामुदायिक जागरूकता और एकजुटता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई।
बहराइच वन प्रभाग: हरित योग और पर्यावरण संरक्षण
बहराइच वन प्रभाग की रूपईडीहा रेंज में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के तहत उत्साहपूर्वक मनाया गया। क्षेत्रीय वन अधिकारी अतुल श्रीवास्तव की अगुवाई में उप क्षेत्रीय वन अधिकारी विनय कुमार, वन दरोगा अरशद खान, हरिओम गौतम, अनंतराम, विमल कुमार, वनरक्षक ब्रह्म देव, रविकांत, और समस्त स्टाफ ने योगाभ्यास में हिस्सा लिया। योग सत्र में विभिन्न आसन और प्राणायाम का अभ्यास किया गया, जिसने प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।

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योग के साथ-साथ, हरित योग की भावना को साकार करते हुए रेंज कैंपस में स्वच्छता अभियान और वृक्षारोपण का आयोजन किया गया। स्वच्छता अभियान के तहत कैंपस को स्वच्छ बनाया गया, जबकि वृक्षारोपण ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति वन विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाया। इस पहल ने स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करते हुए “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना को मजबूत किया।
“करें योग, रहें नीरोग” का संदेश
कार्यक्रम के समापन पर “करें योग, रहें नीरोग” के उद्घोष के साथ सभी प्रतिभागियों ने योग को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। क्षेत्रीय वन अधिकारी अतुल श्रीवास्तव ने कहा, “योग और पर्यावरण संरक्षण एक-दूसरे के पूरक हैं। यह आयोजन न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य, बल्कि सामुदायिक और पर्यावरणीय कल्याण को बढ़ावा देने का प्रतीक है।”
सामुदायिक प्रभाव और वैश्विक संदर्भ
रूपईडीहा में आयोजित ये कार्यक्रम भारत-नेपाल सीमा पर बसे इस क्षेत्र में योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सफल रहे। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है, जिनके प्रयासों से 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी थी।

रूपईडीहा के इन आयोजनों ने स्थानीय समुदाय को योग, स्वच्छता, और पर्यावरण संरक्षण के महत्व से जोड़ा। सरस्वती विद्या मंदिर और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों ने सामुदायिक एकजुटता को बढ़ावा दिया और “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की थीम को साकार किया। यह 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस न केवल स्वास्थ्य और कल्याण का उत्सव रहा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और सामाजिक एकता का भी प्रतीक बना।