अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। आचार्य 108 विद्यासागर महाराज जी और सुधासागर महाराज जी की प्रेरणा से छिंदवाड़ा में आयोजित धार्मिक श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर की परीक्षाएं 28 मई 2025 को विद्या निकेतन स्कूल में सुबह 9:00 बजे विधिवत रूप से संपन्न हुईं। 21 मई से शुरू हुए इस शिविर में बड़ी संख्या में जैन समुदाय के महिला, पुरुष और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न कक्षाओं में अध्ययन कर धर्म की प्रभावना की।
शिविर का उद्देश्य और आयोजन
शिविर के मीडिया प्रभारी सुजीत जैन ने बताया कि पंडित सुनील शास्त्री के निर्देशन में आयोजित इस शिविर का उद्देश्य जैन धर्म की शिक्षाओं, संस्कारों और श्रमण संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाना था। शिविर में प्रतिभागियों ने विभिन्न कक्षाओं में भाग लिया और जैन धर्म के ग्रंथों और सिद्धांतों का गहन अध्ययन किया। 28 मई 2025 को आयोजित परीक्षाओं में सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया।

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परीक्षा के विभिन्न विषय
परीक्षाएं विभिन्न कक्षाओं और विषयों के आधार पर आयोजित की गईं, जिनमें शामिल थे:
- पहला भाग
- दूसरा भाग
- भक्तामर स्तोत्र
- छह ढाला
- द्रव्य संग्रह
- इष्टोपदेश
- तत्वार्थ सूत्र
- छोटे बच्चों की मौखिक परीक्षा
इन विषयों के माध्यम से प्रतिभागियों ने जैन धर्म के दार्शनिक और आध्यात्मिक पहलुओं को गहराई से समझा और उनकी परीक्षा में अपनी योग्यता सिद्ध की। विशेष रूप से छोटे बच्चों की मौखिक परीक्षा ने उनकी धर्म के प्रति रुचि और उत्साह को प्रदर्शित किया।

विद्वानों और शिक्षकों का योगदान
शिविर में सांगानेर शिक्षण संस्थान से आए विद्वान शरद शास्त्री, नीरज शास्त्री, प्रशांत जी, सुदर्शन शास्त्री और देवेंद्र शास्त्री ने प्रतिभागियों को जैन धर्म के ग्रंथों और सिद्धांतों का अध्ययन कराया। इसके साथ ही छिंदवाड़ा के सुनील भंडारी और रजनी जैन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन शिक्षकों ने महिला, पुरुष और बच्चों को जैन धर्म की बारीकियों से परिचित कराया और उनके आध्यात्मिक विकास में सहयोग किया।
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समुदाय की सहभागिता
शिविर के सफल आयोजन में जैन समाज के कई प्रमुख व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। महासभा अध्यक्ष राजेंद्र पटौदी, गोला पूरब समाज के अध्यक्ष अभय जैन, अशोक बाकलीवाल, विशाल जैन और सुजीत जैन की सक्रिय भागीदारी ने इस शिविर को यादगार बनाया। इन सभी ने न केवल आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने में सहयोग किया, बल्कि समुदाय में धार्मिक जागरूकता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह धार्मिक श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर छिंदवाड़ा के जैन समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। आचार्य विद्यासागर महाराज और सुधासागर महाराज की प्रेरणा से आयोजित इस शिविर ने न केवल धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा दिया, बल्कि समुदाय में एकता और आध्यात्मिक चेतना को भी प्रोत्साहित किया। प्रतिभागियों ने इस शिविर से प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में अपनाने और जिनशासन की प्रभावना को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।