अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। मुखर्जी नगर, विदिशा में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए तीन दिवसीय समर कैंप का शुभारंभ 27 मई 2025 को उत्साहपूर्वक किया गया। इस निःशुल्क कैंप में लगभग 200 बच्चे हिस्सा ले रहे हैं, जिनकी आयु 8 से 16 वर्ष के बीच है। कैंप का उद्देश्य बच्चों में नैतिक मूल्यों, आध्यात्मिकता, और व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देना है, ताकि वे एक मजबूत और चरित्रवान भविष्य का निर्माण कर सकें।

शुभारंभ सत्र और उद्बोधन
कैंप के शुभारंभ सत्र में ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने बच्चों और अभिभावकों को कैंप के उद्देश्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, “हमारे बचपन में धूल-मिट्टी के खेल और दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियां हमारी संस्कृति का हिस्सा थीं, लेकिन आज का समय बदल गया है। बच्चे मोबाइल से जानकारी तो प्राप्त कर रहे हैं, पर संस्कारों से आज की युवा पीढ़ी दूर नजर आ रही है। ऐसे में यह वेल्यू-बेस्ड समर कैंप आज के परिवेश में अत्यंत आवश्यक है। यहां तीन दिनों में सीखी गई बातें आपके पूरे जीवन को बदल सकती हैं।”

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ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा, “इस तरह के कैंप बच्चों के मानसिक, शारीरिक, और बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। जो बच्चे खेलों से जुड़े रहते हैं, वे जीवन में कभी असफल नहीं होते। हमारा उद्देश्य समाज को चरित्रवान और मजबूत बनाना है। 8 से 16 वर्ष की आयु में माता-पिता यदि अपने बच्चों पर ध्यान दें, तो वे किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं होंगे।” उन्होंने रोचक कहानियों के माध्यम से बच्चों को अच्छे और बुरे संस्कारों का अंतर समझाया।
कैंप की लीडर बी.के. नन्दनी बहन ने बच्चों का परिचय कराते हुए कहा, “आज की पीढ़ी को स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता और आध्यात्मिकता की शिक्षा की भी आवश्यकता है। यह कैंप समय की मांग के अनुरूप है और बच्चों को बोलचाल, व्यवहार, और शालीनता सिखाने के साथ-साथ तनाव से मुक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे कैंपों में जरूर भेजें।”

प्रथम दिवस की गतिविधियां
प्रथम दिवस की गतिविधियों में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रमुख गतिविधियां निम्नलिखित थीं:
- राजयोग मेडिटेशन: बच्चों को मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने के लिए मेडिटेशन का प्रशिक्षण दिया गया।
- मूल्य-आधारित गतिविधियां: नैतिक मूल्यों पर आधारित कहानियां और गतिविधियां आयोजित की गईं, जो बच्चों को अच्छे संस्कारों की प्रेरणा देती हैं।
- मनोरंजक प्रतियोगिताएं: फन एक्टिविटीज और रोचक सवाल-जवाब सत्र में बच्चों ने अपने जवाबों से सभी को प्रभावित किया।
- दीप प्रज्ज्वलन: अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कैंप का औपचारिक शुभारंभ किया गया।
- स्मृति चिन्ह वितरण: बी.के. बहनों द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
कैंप की विशेषताएं
- प्रतिभागिता: कैंप में लगभग 200 बच्चों ने हिस्सा लिया, जो 8 से 16 वर्ष की आयु समूह के हैं।
- उद्देश्य: बच्चों में नैतिक मूल्यों, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देना।
- अनूठापन: यह कैंप अन्य समर कैंपों से अलग है, क्योंकि यह बच्चों को न केवल मनोरंजन, बल्कि बोलचाल, व्यवहार, शालीनता, और तनावमुक्त जीवन जीने की कला सिखाता है। राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से बच्चों में एकाग्रता और मानसिक शांति को बढ़ावा दिया जाता है।
- निःशुल्क आयोजन: यह कैंप पूरी तरह निःशुल्क है, जिससे अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकें।

माता-पिता के लिए अपील
बी.के. नन्दनी बहन ने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों को इस तरह के कैंपों में भेजें, जो न केवल उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक हैं, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए भी तैयार करते हैं। यह कैंप ग्रीष्मावकाश के दौरान बच्चों के लिए एक अनूठा अवसर है, जहां वे आनंद के साथ-साथ जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को सीख रहे हैं।
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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का यह समर कैंप बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक प्रेरणादायक पहल है। प्रथम दिवस की गतिविधियों ने बच्चों में उत्साह और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता पैदा की। अगले दो दिनों में और भी रोचक और शिक्षाप्रद गतिविधियों की योजना है, जो बच्चों को एक मजबूत और चरित्रवान व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करेगी। यह कैंप न केवल बच्चों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संदेश देता है।