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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वनरक्षक (पीसीसीएफ) सुनील चौधरी ने भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच जिले का दो दिवसीय भ्रमण किया। इस दौरे को सीमावर्ती क्षेत्रों की वन सुरक्षा और संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भ्रमण के दौरान उन्होंने रूपईडीहा के वन विभाग विश्रामगृह में रात्रि विश्राम किया और क्षेत्रीय वन अधिकारियों के साथ बैठक कर वन संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
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रूपईडीहा में बैठक और निरीक्षण
प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) बहराइच, अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधान मुख्य वनरक्षक मंगलवार को रूपईडीहा विश्रामगृह पहुंचे, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। अगले दिन सुबह 10 बजे इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट, रूपईडीहा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में देवीपाटन मंडल के अंतर्गत आने वाले बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, और कतर्नियाघाट वन प्रभागों के प्रभागीय वन अधिकारी, उप-प्रभागीय अधिकारी (एसडीओ), और वन क्षेत्र अधिकारी शामिल हुए।

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बैठक में पीसीसीएफ सुनील चौधरी ने सीमावर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त गश्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने वन संरक्षण और जागरूकता के लिए ग्रीन चौपाल आयोजित करने पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने रूपईडीहा रेंज और अब्दुल्लागंज रेंज कार्यालयों का निरीक्षण किया तथा इन क्षेत्रों में किए गए वृक्षारोपण कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।
वन संरक्षण पर जोर
प्रधान मुख्य वनरक्षक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीमावर्ती वन क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए और वन संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वन विभाग, एसएसबी, और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सीमा पार से होने वाली किसी भी अनधिकृत गतिविधि को रोका जा सके। ग्रीन चौपाल के माध्यम से स्थानीय समुदाय को वन संरक्षण के प्रति जागरूक करने की पहल को भी उन्होंने सराहनीय बताया।

भ्रमण में शामिल अधिकारी
भ्रमण के दौरान वन संरक्षक, देवीपाटन मंडल, मनोज कुमार सोनकर, डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह, डीएफओ कतर्नियाघाट शिव शंकर, डीएफओ श्रावस्ती धनराज, डीएफओ गोंडा पंकज शुक्ला, सभी उप-प्रभागीय अधिकारी, रेंज अधिकारी, और वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने पीसीसीएफ के निर्देशों का पालन करने और वन संरक्षण के लिए सक्रियता से कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।

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सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण दौरा
यह दौरा भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच जिले के संवेदनशील वन क्षेत्रों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। रूपईडीहा और आसपास के क्षेत्रों में वन संपदा की रक्षा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए यह भ्रमण एक सकारात्मक कदम है। स्थानीय वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस दौरे को वन प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल बताया।