अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। पयागपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सतरही में मंगलवार सुबह एक हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। स्थानीय निवासी सुरेश कुमार (पुत्र स्व. रामचन्दर) की खेत पर बिजली का करंट लगने से दर्दनाक मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया, और ग्रामीणों ने खेतों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी के खिलाफ प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सुबह की सैर बनी काल
परिजनों के अनुसार, 35 वर्षीय सुरेश कुमार रोज की तरह सुबह करीब 8 बजे अपने खेत पर गया था। खेत के बगल में स्थित एक अन्य खेत के मालिक ने खुले में बिजली का तार बिछा रखा था, जिसमें करंट प्रवाहित था। जैसे ही सुरेश इस तार के संपर्क में आया, वह मौके पर ही बेहोश हो गया और उसकी मृत्यु हो गई। घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई, और परिजनों में चीख-पुकार मच गई।
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परिजनों ने दर्ज कराई शिकायत
मृतक के भाई दिनेश कुमार ने थाना पयागपुर में प्रार्थना पत्र देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दिनेश ने बताया कि खुले में बिछे बिजली के तार की वजह से यह हादसा हुआ, और इसकी जिम्मेदारी पड़ोसी खेत के मालिक की है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की गहन जांच और दोषियों को सजा देने की गुहार लगाई है।
पुलिस ने शुरू की जांच
थाना प्रभारी करुणाकर पांडेय ने इस संबंध में बताया, “हमें तहरीर प्राप्त हुई है, और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य तथ्यों के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा।
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ग्रामीणों में आक्रोश, सुरक्षा नियमों की मांग
इस घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में बिजली के तारों को खुले में बिछाने की प्रथा आम है, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि खेतों में बिजली के तारों और अन्य उपकरणों के लिए सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। ग्रामीण रामप्रकाश ने कहा, “अगर समय रहते सुरक्षा नियम लागू किए गए होते, तो सुरेश की जान बच सकती थी। प्रशासन को अब जागना चाहिए।”
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
सुरेश कुमार अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। उसकी मृत्यु से परिवार पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। मृतक के परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो अब अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। गांव के लोग परिवार की मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सहायता प्रदान करनी चाहिए।
यह दुखद घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का भी जीता-जागता उदाहरण है। प्रशासन को इस घटना से सबक लेते हुए खेतों में बिजली के तारों और अन्य खतरनाक उपकरणों के उपयोग पर सख्त नियम लागू करने चाहिए। साथ ही, पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता प्रदान कर इस दुख की घड़ी में उनका साथ देना चाहिए। इस मामले में पुलिस की जांच और प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।