अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। रुपईडीहा में बुधवार, 7 मई 2025 की रात 8 बजे स्थानीय पुलिस प्रशासन के निर्देश पर आयोजित ब्लैकआउट अभ्यास पूर्ण सफलता के साथ संपन्न हुआ। इस अभ्यास ने न केवल नगरवासियों की आपातकालीन परिस्थितियों के प्रति तत्परता को दर्शाया, बल्कि प्रशासन की सक्रियता और समन्वय को भी रेखांकित किया।
रात 8 बजे जैसे ही सायरन की आवाज गूंजी, नगरवासियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने घरों, दुकानों, और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी। करीब 10 मिनट तक रुपईडीहा नगर पूर्ण रूप से अंधेरे में डूबा रहा, और इस दौरान बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप रही। अभ्यास के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, लापरवाही या शिकायत की कोई सूचना नहीं मिली, जो स्थानीय निवासियों की जागरूकता और अनुशासन का प्रमाण है।
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स्थानीय पुलिस अधीक्षक (बहराइच) ने अभ्यास की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “रुपईडीहा के नागरिकों ने इस अभ्यास में जिस तरह का सहयोग और जागरूकता दिखाई, वह प्रशंसनीय है। यह दर्शाता है कि हमारा समुदाय आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के अभ्यास भविष्य में संभावित संकटों, जैसे युद्धकालीन परिस्थितियों या प्राकृतिक आपदाओं, के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रुपईडीहा, जो भारत-नेपाल सीमा पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सामरिक केंद्र है, में इस तरह के अभ्यास का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ब्लैकआउट अभ्यास का उद्देश्य आपात स्थिति में बिजली के उपयोग को नियंत्रित करना और दुश्मन की हवाई निगरानी से बचाव करना होता है। इस दौरान सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से नगर में गश्त की और यह सुनिश्चित किया कि अभ्यास के नियमों का पालन हो। स्थानीय निवासियों ने भी इस अभ्यास को गंभीरता से लिया। एक स्थानीय दुकानदार, श्याम लाल गुप्ता ने बताया, “सायरन बजते ही हमने तुरंत अपनी दुकान की लाइट बंद कर दी। यह हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है, और हम प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे प्रयासों में हमेशा सहयोग करेंगे।” वहीं, एक गृहिणी, राधा देवी ने कहा, “हमें पहले ही सूचित कर दिया गया था, इसलिए हमने अपने बच्चों को भी समझाया कि यह अभ्यास क्यों जरूरी है। हम सबने मिलकर इसे सफल बनाया।” प्रशासन ने अभ्यास से पहले स्थानीय समुदाय को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया था। स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को ब्लैकआउट अभ्यास के महत्व और नियमों की जानकारी दी गई।
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इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने व्यापारियों और दुकानदारों के साथ बैठकें आयोजित कीं ताकि वे इस दौरान अपनी गतिविधियों को नियोजित कर सकें। एसएसबी की 42वीं बटालियन के एक अधिकारी ने बताया, “रुपईडीहा जैसे सीमावर्ती क्षेत्र में इस तरह के अभ्यास न केवल नागरिकों की जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि सुरक्षा बलों को भी अपनी तैयारियों का आकलन करने का अवसर प्रदान करते हैं। हम नगरवासियों के सहयोग के लिए आभारी हैं।” इस अभ्यास की सफलता ने रुपईडीहा को आपातकालीन तैयारियों के मामले में एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया है। प्रशासन ने भविष्य में भी इस तरह के अभ्यास आयोजित करने की योजना बनाई है ताकि नागरिकों और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय को और मजबूत किया जा सके स्थानीय समुदाय ने इस पहल की सराहना करते हुए प्रशासन से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसे अभ्यासों की जानकारी पहले से और व्यापक रूप से दी जाए ताकि और अधिक लोग इसमें भाग ले सकें।