अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में स्थित सैयद सालार मसूद गाजी (गाजी मियां) की दरगाह पर इस वर्ष परंपरागत मेला नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर मेले की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह पहली बार है जब सैकड़ों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को स्थगित किया गया है।
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प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का दिया हवाला
सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर और सीओ सिटी पहुप सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर मेले को अनुमति न देने की पुष्टि की। दरगाह प्रबंध समिति ने मेले के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा की गई समीक्षा और सुरक्षा रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया। प्रशासन का कहना है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में किसी बड़े आयोजन से कानून-व्यवस्था को खतरा हो सकता है।

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लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की चेतावनी
लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की रिपोर्ट में भी मेले जैसे बड़े आयोजनों से बचने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में देश के मौजूदा हालात को देखते हुए मेले में संभावित विरोध प्रदर्शनों की आशंका जताई गई है। इस आधार पर प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा मेला
गौरतलब है कि गाजी मियां का मेला हर साल 15 मई से 15 जून तक आयोजित होता था। इस मेले में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते थे, जो आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक माना जाता था। मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, दुकानें और धार्मिक आयोजन होते थे, जो स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र थे।
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प्रशासन का निर्णय स्थानीय लोगों के लिए आश्चर्यजनक
मेले के रद्द होने की खबर से स्थानीय लोगों में निराशा है। कई लोगों का मानना है कि यह मेला न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय जनहित और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही, दरगाह पर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
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आगे की योजना
प्रशासन ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर भविष्य में मेले के आयोजन पर पुनर्विचार किया जा सकता है। फिलहाल, कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है। इस बीच, दरगाह प्रबंध समिति ने भी प्रशासन के निर्णय का सम्मान करने की बात कही है और लोगों से सहयोग की अपील की है।