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भारत और अन्य देशों में प्रति व्यक्ति नॉन-एल्कोहल सॉफ्ट ड्रिंक खपत: तुलनात्मक रिपोर्ट

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अतुल्य भारत चेतना

नॉन-एल्कोहल सॉफ्ट ड्रिंक्स, जैसे कार्बोनेटेड पेय (कोका-कोला, पेप्सी, स्प्राइट आदि), जूस, और अन्य गैर-मादक पेय, दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। यह रिपोर्ट भारत में प्रति व्यक्ति सॉफ्ट ड्रिंक की खपत और अन्य देशों के साथ इसकी तुलना प्रस्तुत करती है। डेटा नवीनतम उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है, विशेष रूप से 2024 के आंकड़ों पर, जो विभिन्न देशों में सॉफ्ट ड्रिंक की खपत के पैटर्न को दर्शाते हैं।

भारत में प्रति व्यक्ति सॉफ्ट ड्रिंक खपत

भारत में प्रति व्यक्ति वार्षिक कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक की खपत 4.2 लीटर है। यह आंकड़ा वैश्विक औसत की तुलना में काफी कम है। भारत में सॉफ्ट ड्रिंक की कम खपत के कई कारण हैं:

  • सांस्कृतिक प्राथमिकताएँ: भारत में चाय, कॉफी, लस्सी, और नारियल पानी जैसे पारंपरिक पेय अधिक लोकप्रिय हैं।
  • आर्थिक कारक: ग्रामीण क्षेत्रों में सॉफ्ट ड्रिंक की खरीदारी सीमित है, क्योंकि ये पेय अपेक्षाकृत महंगे माने जाते हैं।
  • स्वास्थ्य जागरूकता: शहरी क्षेत्रों में बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता के कारण लोग कम चीनी वाले पेय या प्राकृतिक विकल्प चुन रहे हैं।
  • जनसंख्या विविधता: भारत की विशाल जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति औसत कम दिखाई देता है, क्योंकि खपत मुख्य रूप से शहरी और मध्यम वर्ग तक सीमित है।

अन्य देशों में प्रति व्यक्ति सॉफ्ट ड्रिंक खपत

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नीचे विभिन्न देशों में प्रति व्यक्ति वार्षिक सॉफ्ट ड्रिंक खपत के आंकड़े दिए गए हैं, जो कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स पर केंद्रित हैं। ये आंकड़े 2024 के नवभारत टाइम्स के लेख से लिए गए हैं और लीटर में हैं:

देशप्रति व्यक्ति खपत (लीटर/वर्ष)
संयुक्त राज्य216.0
अर्जेंटीना155.0
चिली141.0
मेक्सिको137.0
आयरलैंड126.0
कनाडा119.8
नॉर्वे119.8
उरुग्वे113.0
बेल्जियम102.9
ऑस्ट्रेलिया100.1
यूनाइटेड किंगडम96.5
सऊदी अरब89.0
न्यूजीलैंड84.2
स्विट्जरलैंड81.4
डेनमार्क80.0
ऑस्ट्रिया78.8
जर्मनी72.0
रूस66.4
ब्राजील59.5
फिनलैंड52.0
इटली50.2
स्पेन39.2
फ्रांस37.2
इंडोनेशिया23.0
जापान21.6
भारत4.2

स्रोत: नवभारत टाइम्स, 18 दिसंबर 2024

तुलनात्मक विश्लेषण

  1. वैश्विक अग्रणी – संयुक्त राज्य:
    • संयुक्त राज्य में प्रति व्यक्ति 216 लीटर सॉफ्ट ड्रिंक की खपत दुनिया में सबसे अधिक है, जो भारत की खपत का 50 गुना से अधिक है।
    • कारण: कोका-कोला और पेप्सी जैसी प्रमुख कंपनियों की उत्पत्ति, सॉफ्ट ड्रिंक की व्यापक उपलब्धता, और दैनिक जीवन में इनका गहरा समावेश।
    • औसतन, एक अमेरिकी प्रतिदिन 0.59 लीटर सॉफ्ट ड्रिंक पीता है।
  2. लैटिन अमेरिकी देश:
    • अर्जेंटीना (155 लीटर), चिली (141 लीटर), और मेक्सिको (137 लीटर) जैसे देश उच्च खपत वाले हैं।
    • कारण: गर्म जलवायु, सॉफ्ट ड्रिंक की सांस्कृतिक स्वीकार्यता, और शहरीकरण।
  3. यूरोपीय देश:
    • आयरलैंड (126 लीटर), बेल्जियम (102.9 लीटर), और यूनाइटेड किंगडम (96.5 लीटर) जैसे देश उच्च खपत दिखाते हैं, लेकिन यह अमेरिका से कम है।
    • यूरोप में स्वास्थ्य जागरूकता और कम चीनी वाले पेय की मांग बढ़ रही है, जिससे कुछ देशों में खपत स्थिर हो रही है।
  4. एशियाई देश:
    • जापान (21.6 लीटर) और इंडोनेशिया (23 लीटर) में खपत भारत से अधिक है, लेकिन वैश्विक औसत से कम।
    • भारत की तुलना में इन देशों में सॉफ्ट ड्रिंक की मार्केटिंग और शहरीकरण का स्तर अधिक है।
  5. भारत की स्थिति:
    • भारत इस सूची में सबसे निचले स्थान पर है, जहां प्रति व्यक्ति खपत केवल 4.2 लीटर है।
    • भारत में सॉफ्ट ड्रिंक की खपत मुख्य रूप से युवा और शहरी आबादी तक सीमित है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक पेय प्राथमिकता में हैं।

प्रभावित करने वाले कारक

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  • आर्थिक विकास: उच्च प्रति व्यक्ति आय वाले देशों (जैसे अमेरिका, कनाडा) में सॉफ्ट ड्रिंक की खपत अधिक है, क्योंकि ये पेय वहां सस्ते और सुलभ हैं। भारत में प्रति व्यक्ति आय 2.28 लाख रुपये है, जो अमेरिका (71.30 लाख रुपये) से काफी कम है।
  • सांस्कृतिक प्राथमिकताएँ: भारत और जापान जैसे देशों में चाय और कॉफी जैसे पेय अधिक लोकप्रिय हैं।
  • स्वास्थ्य चिंताएँ: वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में, चीनी की मात्रा को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, जिससे डाइट और शुगर-फ्री सॉफ्ट ड्रिंक की मांग बढ़ रही है।
  • मार्केटिंग और ब्रांडिंग: कोका-कोला और पेप्सी जैसे ब्रांड अमेरिका और लैटिन अमेरिका में मजबूत उपस्थिति रखते हैं, जबकि भारत में स्थानीय ब्रांड (जैसे थम्स अप) भी लोकप्रिय हैं।

निष्कर्ष

भारत में सॉफ्ट ड्रिंक की प्रति व्यक्ति खपत वैश्विक मानकों की तुलना में बहुत कम है, जो सांस्कृतिक, आर्थिक, और सामाजिक कारकों का परिणाम है। संयुक्त राज्य और लैटिन अमेरिकी देश इस क्षेत्र में अग्रणी हैं, जबकि यूरोप और अन्य एशियाई देश मध्यम खपत दिखाते हैं। भारत में सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग में वृद्धि की संभावना है, क्योंकि शहरीकरण और युवा आबादी बढ़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य जागरूकता और पारंपरिक पेय इस वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं।

सुझाव

  • भारत के लिए:
    • सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में किफायती और छोटे पैक आकार पेश करने चाहिए।
    • कम चीनी और प्राकृतिक स्वाद वाले पेय की मांग को लक्षित करना चाहिए।
  • वैश्विक स्तर पर:
    • स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए डाइट और शुगर-फ्री विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए।
    • पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और सतत प्रथाओं को अपनाना चाहिए।

स्रोत

  • नवभारत टाइम्स, “इस देश में हर आदमी सालभर में पी जाता है 216 लीटर सॉफ्ट ड्रिंक,” 18 दिसंबर 2024.
  • भास्कर, “भारत की प्रति-व्यक्ति आय ₹2 लाख,” 2 जुलाई 2024.
  • लाइव हिंदुस्तान, “दुनिया में सबसे ज्यादा इन 10 ड्रिंक्स को पीते हैं,” 6 मई 2021.
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