माँ महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन पूजी जाने वाली माता दुर्गा का स्वरूप हैं। इनका स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और दिव्य है। इन्हें श्वेत वस्त्र और श्वेत आभूषणों से सुसज्जित माना जाता है, जिसके कारण इन्हें “महागौरी” कहा जाता है। इनकी चार भुजाएँ हैं और ये श्वेत वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं। माँ महागौरी भक्तों के दुखों को दूर कर उन्हें शांति, समृद्धि और पवित्रता प्रदान करती हैं।
माँ महागौरी की स्तुति
माँ महागौरी की स्तुति निम्नलिखित श्लोक से की जा सकती है:
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इसके अतिरिक्त, भक्त निम्नलिखित स्तुति से भी माँ की आराधना करते हैं:
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
माँ महागौरी का मंत्र
माँ महागौरी का बीज मंत्र:
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को माँ की कृपा प्राप्त होती है और मन की शुद्धि होती है। इसके अलावा, निम्नलिखित मंत्र भी प्रचलित है:
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥
नवरात्र में माँ महागौरी की महिमा
नवरात्रि के अष्टमी तिथि को माँ महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि माँ महागौरी ने कठोर तपस्या कर अपने गौर वर्ण को प्राप्त किया था। भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए उन्होंने हिमालय पर घोर तप किया, जिसके फलस्वरूप उनका शरीर काला पड़ गया था। बाद में भगवान शिव ने गंगा जल से उन्हें स्नान कराया, जिससे उनका शरीर श्वेत और तेजस्वी हो गया। तभी से वे “महागौरी” कहलायीं।
माँ महागौरी की पूजा से भक्तों के पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। ये भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शुद्धता प्रदान करती हैं। इस दिन भक्त श्वेत वस्त्र धारण कर माँ को नारियल, श्वेत मिठाई या खीर का भोग लगाते हैं।
माँ महागौरी की आराधना से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है और वह सभी कष्टों से मुक्त होकर मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। उनकी कृपा से भक्तों का मन शांत और पवित्र होता है।
यदि आप माँ महागौरी की पूजा या मंत्र जाप करना चाहते हैं, तो अष्टमी के दिन सुबह स्नान कर शुद्ध मन से उनकी पूजा करें और उपरोक्त मंत्रों का जाप करें।
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
आदिशक्ति माँ दुर्गा की अष्टम स्वरूप, वैभव, सुख एवं समृद्धि की प्रदात्री माँ महागौरी अपनी ममतामयी कृपा से हम सभी को आच्छादित करें।
माँ की कृपा से सभी के संकट दूर हों, जीवन मंगलमय हो, महामाई से यही प्रार्थना है।
जय माँ महागौरी!
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