माता पिता के छलक पड़े आंसू
भविष्य में नर्सिंग होम संचालित करने का विचार
अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल
कटघोरा। जयराम सिंह सिदार व हेम लता सिंह सिदार की सुपुत्री राधिका सिंह सिदार सन 2019 में प्रवेश लेकर 2025 में MBBS की पढ़ाई स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज रायगढ़ छग
से उत्तीर्ण की। प्राथमिक स्तर की पढ़ाई के समय राधिका सिंह मेधावी छात्रा रही। शुरू से ही उनके माता जी हेमलता पिता जयराम की हार्दिक इच्छा थी कि मेरी बेटी आगे पढ़ाई कर डॉ बने और गरीब दिन दुखियों का सेवा करे। स्टूडेंट जीवन में सोचती थी कि मेरी माता पिता की सपना कैसे पूरा करूंगी। आगे की पढ़ाई जारी रखी।क्लास 12 वी उत्तीर्ण के बाद मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया। प्रवेश लेने के बाद उनके परिवार के सभी सदस्यों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। और अंत में 11 मार्च 2025 को स्व.श्री लखीराम अग्रवाल गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज रायगढ़ छग में डॉ. की उपाधि डीन डॉ. विनीत जैन के कर कमलों द्वारा सम्मानित की है। माता, पिता,भाई,बहन के लिए खुशी का दिन था। सिंदार परिवार में दो पुत्र में बड़ा पुत्र लेक्चर .सागर सिंह सिंदर एवं,इंजीनियर समीर सिंह सिंदार सुपुत्री डॉ. राधिका सिंह है।

मेडिकल कालेज परिसर में डॉ राधिका सिंह का नाम लेते ही उनके माता पिता जी के आंख से आंसू छलक पड़े। पिता के आंसू साफ दिखाई दे रहा था कि पिता जी मौन स्वीकृति पुत्री के हर कदम सुख दुख पर साथ रही।जिस दिन पुत्री को खुशी मिला उन दिनों माता पिता की आंख से आंसू छलक पड़े। उनके पिता जी लाख कोशिश के बावजूद भी आसू को रोक नहीं पाए क्योंकि खुशी के आशु थे।
डॉ राधिका सिंह ने प्रतिनिधि को चर्चा के दौरान कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहकर गरीब दिन दुखियों का सेवा करना चाहती हु जो सपने मेरे माता पिता ने देखे और इतनी कष्ट उठाकर मेरे को मेडिकल की पढ़ाई करवाए। मैं आगे की पढ़ाई जारी रख पीजी करना चाहती हु। और भविष्य में ग्रामीण क्षेत्र में नर्सिंग होम खोलना चाहती हु जिसमें गरीब, दिन दुखियों का इलाज सस्ते दर पर हो। पैसे की अभाव में कोई दम न तोड़े। यही मेरी इच्छा है।मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए माता पिता भाई के अलावा मेरे गुरुजनों का अथक सहयोग रहा। मैं उस धरती मां को प्रणाम करती हु जिस धरती मुझे डॉ बनाया। एक जन्म क्या हजारों जन्मों में ऋण नहीं चुका पाऊंगी।