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Ratanpur news; काव्य रंग की बौछारों से भीगते रहे एहसास

By News Desk Mar 18, 2025
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होली मिलन में कवियों ने मचाया धमाल

अतुल्य भारत चेतना
संतोष वर्मा

रतनपुर। छत्तीसगढ़ के महान् साहित्य मनीषी एवं इतिहासकार बाबू प्यारेलाल गुप्त की 49 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित होली मिलन एवं आंचलिक कवि सम्मेलन में काव्य रंग के सतरंगी बौछारों ने श्रोताओं के अंतस को भिगो दिया। हास्य कविताओं पर ठहाकों का दौर चला तो कभी संजीदा गजलों से एहसासात भीगते रहे।


बाबू प्यारेलाल गुप्त सृजन पीठ एवं कविता यात्रा द्वारा श्रीराधा माधव धाम में रविवार को आयोजित कवि सम्मेलन बहुत ही यादगार रहा, आंचलिक कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की, होली मिलन पर जहां वृंदावनी फाग चला तो कभी जोगीरा सरा.ररर के मस्ती भरे गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया, वहीं माधुर्यमय गीतों एवं गजलों ने समां बांध दिया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर के वरिष्ठ कवि दिनेश तिवारी ‘दिनेश’ थे, अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद् बलराम पांडेय ने की. विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीराधा माधव धाम के महंत पं, दिव्यकांत महाराज एवं वरिष्ठ कवि हेमंत सिंह क्रांति थे, सबसे पहले श्रीराधा कृष्ण का पूजन अर्चन किया गया, इसके बाद सभी अतिथियों एवं कवियों का अबीर गुलाल लगाकर स्वागत किया गया. सृजन पीठ के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार वर्मा ‘दीपक’ ने स्वागत भाषण में सबको होली की बधाई दी एवं बाबू प्यारेलाल गुप्त के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला, इसके बाद प्रमोद कश्यप ‘प्रसून’ ने प्रथम पूज्य श्री गणेश जी की मधुर वंदना प्रस्तुत की, सृजन पीठ के सचिव ब्रजेश श्रीवास्तव ने इतिहासकार बाबू प्यारेलाल गुप्त के ऐतिहासिक ग्रंथों पर विस्तार से चर्चा की, कवि सम्मेलन में बिलासपुर के वरिष्ठ कवि जगतारन डहरे मदन सिंह ठाकुर दिनेश तिवारी रतनपुर के वरिष्ठ कवि रामानंद यादव डॉ. राजेन्द्र कुमार वर्मा ‘दीपक’ प्रमोद कश्यप बलराम पांडेय हेमंत सिंह क्रांति रामरतन भारद्वाज शुकदेव कश्यप दिनेश पांडेय रविन्द्र सोनी हजारी लाल गुप्ता उमेश तिवारी एवं ब्रजेश श्रीवास्तव के सुमधुर गीतों और गजलों ने समां बांध दिया, महंत दिव्यकांत महाराज के छत्तीसगढ़ी हास्य कविता ने श्रोताओं को लोटपोट कर दिया वहीं मदन सिंह ठाकुर के वृंदावनी फाग ने धूम मचा दी, दिनेश पांडेय के जोगीरा गीत पर श्रोता झूम उठे।कार्यक्रम का संचालन ब्रजेश श्रीवास्तव ने तथा आभार डॉ राजेन्द्र कुमार वर्मा ने व्यक्त किया. अंत में बाबू प्यारेलाल गुप्त को पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

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