Delhi Sharab Ghotala: CAG Report Mein Hua 2002 Crore Ke Ghate Ka Khulasa, Jane Nai Sharab Neeti Ki Badi Galtiyan: दिल्ली सरकार की नई शराब नीति पर CAG (Comptroller and Auditor General) रिपोर्ट में 2002 करोड़ रुपये के घाटे का बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, नीति में कई गंभीर खामियां थीं, जिनके चलते सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
कैसे हुआ 2002 करोड़ का घाटा?
CAG की रिपोर्ट में बताया गया कि नई शराब नीति में कुछ नीतिगत और प्रशासनिक गलतियों की वजह से सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ। रिपोर्ट के अनुसार:
- अनुचित लाइसेंस आवंटन के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का घाटा हुआ।
- शराब कारोबारियों को अवैध छूट और नियमों में ढील दी गई।
- टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पाई गई।
- नई नीति लागू करने से पहले सही तरीके से आकलन नहीं किया गया।
बड़ा नुकसान
CAG रिपोर्ट की प्रमुख बातें
- नई शराब नीति से सरकारी राजस्व में भारी गिरावट आई।
- कुछ कंपनियों और ठेकेदारों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।
- नीति बनाने में प्रशासनिक चूक के कारण सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
- टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और पक्षपात देखने को मिला।
नई शराब नीति में कहां हुईं गलतियां?
- लाइसेंस जारी करने में गड़बड़ी – कई शराब ठेकेदारों को बिना उचित प्रक्रिया के लाइसेंस दिए गए।
- राजस्व अनुमान में गलती – सरकार ने शराब बिक्री से होने वाले लाभ का सही आकलन नहीं किया।
- कानूनी जांच और अनुमति में चूक – नीति को लागू करने से पहले पूरी कानूनी जांच नहीं की गई।
दिल्ली शराब घोटाले में अगला कदम क्या?
CAG रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट के आधार पर जांच एजेंसियां आगे की कार्रवाई कर सकती हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को खारिज किया है और रिपोर्ट की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।