136 दिनों से लगातार भोजन व्यवस्था से खुश है छात्रावासों व आश्रम के 7370 विद्यार्थी
कलेक्टर के मॉनिटरिंग सिस्टम से व्यवस्था में आया सुधार
अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजनान्तर्गत जिले में उल्लेखनीय कार्य नजर आ रहे है। मध्यान्ह भोजन निगरानी की राज्य स्तरीय रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें बालाघाट को 100 प्रतिशत निगरानी की रैंक पहले पायदान पर पहुँचा रही है। यह रैंक केवल दिसम्बर माह की नही बल्कि नवम्बर माह में भी श्रेष्ठ रही है। इसके लिए जिले में एक अलग तरह से प्लानिंग के साथ मुकाम पर पहुँचाया है। इसके अलावा जिले में अगस्त माह से छात्रावासों व आश्रमों में भोजन व नास्ता परोसने की व्यवस्था में भी गजब का सुधार आया है। यह नई व्यवस्था 19 अगस्त से प्रारम्भ होकर लगातार 136 दिनों से चल रही है। जनजातीय विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावासों व आश्रमों में रह रहे 7370 विद्यार्थियों के भोजन व नास्ते में शासन द्वारा निर्धारित कैलोरी व प्रोटीन युक्त भोजन देने के प्रयासों में सफलता मिल रही है। इन नई व्यवस्था का श्रेय कलेक्टर श्री मृणाल मीना और निगरानी कर रहे अधिकारियों को जाता है।
2768 निरिक्षणों में भोजन परोसते हुए देखा गया
मध्यान्ह भोजन की निगरानी के सम्बंध में जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक सराफ ने बताया कि 8 अक्टूबर को अनुश्रवण समिति में निरीक्षण को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई थी। इसके बाद जिले में बीआरसी, बीएसी और सीएसी द्वारा मध्यान्ह भोजन की निगरानी का रोस्टर तैयार किया गया। इसकी प्रति सप्ताह समीक्षा और इसमें आने वाली कमियों को दूर किया गया। इसके बाद नवम्बर माह में जिले में मध्यान्ह भोजन के लिए 2830 और दिसम्बर माह में अब तक 2979 भ्रमण किये गए। इसमें डेटा निकल कर आया कि जिले की 2715 क्रियाशील स्कूलों में 2778 निरीक्षण किये गए है। जिसमें बन्द पाये स्कूलों की संख्या जीरो रही, वहीं 2768 निरीक्षण में भोजन परोसते हुए देखा गया।
कलेक्टर श्री मीना निरीक्षण में लेते हैं मेन्यू अनुसार भोजन की जानकारी
जिले में 19 अगस्त से जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित छात्रावासों और आश्रमों में नास्ते व भोजन की व्यवस्था में निगरानी का तरीका बदला गया। कलेक्टर श्री मीना के निर्देशों के बाद जनजातीय विभाग द्वारा ग्रुप बनाकर उसमें निगरानी करने वाले अधिकारियों सहित अधीक्षकों को सख्त हिदायत दी गई। निर्देश दिए की सभी अधीक्षक समय पर शासन द्वारा प्री-मेट्रिक के 13 से 17 वर्ष के छात्रों को 2330 से 2440 कैलोरी और 47 से 52 ग्राम प्रोटीन और पोस्ट मेट्रिक के 19 से 21 वर्ष के छात्रों को 2230 कैलोरी से 55 ग्राम प्रोटीन देने के निर्धारण का पालन किया जाना है। इसके लिए सभी विद्यार्थियों के साथ अधीक्षकों को बैठकर भोजन कराने व स्वयं को भोजन परोसने तथा टेस्ट करने के निर्देश दिए गए। इसकी रिपोर्टिंग एक विशेष ग्रुप से की जाने लगी। तब से अब तक लगातार इसमें सुधार देखने को मिला। 27 दिसम्बर को कलेक्टर श्री मीना ने परसवाड़ा में आश्रम के निरीक्षण के दौरान इसकी पुख्ता जानकारी बालिकाओं द्वारा दी गई। जिनके चेहरे पर भोजन के प्रति खुशी साफ नजर आयी।





जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित 78 बालक व 60 बालिकाओं को समय पर अधीक्षक साथ बैठकर कराते है भोजन और नास्ता
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा बनाएं गए ग्रुप में निगरानी में लगे अधिकारियों की रिपोर्ट की समीक्षा स्वयं सहायक आयुक्त द्वारा की जाती है। इसमें लापरवाही करने वाले अधीक्षकों को पूर्व में हिदायती नोटिस भी जारी किए गए है। जिले में 78 बालक व 60 बालिकाओं के छात्रावास व आश्रम स्थापित है। परसवाड़ा, बालाघाट व बिरसा में 490-490 सीटों वाले कन्या शिक्षा परिसर, उकवा व बैहर में 480-480 सीट के एकलव्य आवासीय परिसर,मलाजखंड में 235 बालक व बालिकाओं का आदर्श आवासीय परिसर के अलावा 34 आश्रम व 114 प्री व पोस्ट मैट्रिक छात्रवासों में रणनीति अपनाई जा रही है।