Breaking
Sun. Jun 8th, 2025

सरगुजा संभाग के 350 बीएड धारी टीचर कड़ाके की ठंड में कटघोरा की सड़कों पर अनुनय यात्रा निकाले

By News Desk Dec 17, 2024
Spread the love

नियमानुसार की थी भर्ती, कोर्ट के आदेश का हवाला देकर कर रहे अब 2900 को बेरोजगार

सेवा सुरक्षा के लिए संघर्षरत युवा सड़क पर

अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल

कोरबा। सरगुजा संभाग के 350 बीएड धारी टीचर कटघोरा की सड़कों में रैली निकालकर प्रदर्शन किए।
बस्तर, सरगुजा सम्भाग के सुदूर अंचलों में सेवाएं दे रहे 2900 निर्दोष बीएड योग्यता धारी युवा अब बेरोजगार होने जा रहे हैं। नीतिनिर्माताओं की चूक से केवल 2900 युवा ही नही बल्कि इनके परिवार के 15000 सदस्य भी प्रभावित होंगे। जिसका सीधा असर वर्तमान सरकार पर आने वाले नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में पड़ने की आशंका है।

आज से सड़कों पर ये युवा
अपने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने के बाद शासन को अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए सरगुजा सम्भाग के लगभग 1200 सहायक शिक्षक आज शनिवार को अनुनय यात्रा के तहत अम्बिकापुर से रायपुर तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे हैं, जिसके लिए प्रशासन द्वारा अनुमति ली गई है। इस पद यात्रा के समर्थन हेतु सभी शिक्षक संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है।

मुख्यमंत्री से कर रहे हैं ये माँग
माननीय साय जी से निवेदन है कि हम उत्पीड़ितों की मानसिक दशा, आजीविका संकट तथा सामाजिक प्रतिष्ठा पर पहुँचे आघात को संज्ञान में लेकर विधिक तथा प्रशासनिक युक्तियों से हम निर्दोष सहायक शिक्षकों की सेवाएं सुरक्षित रखने का प्रयास करें।

हो रहे बेरोजगार
सरगुजा तथा बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में पिछले 15 माह से निष्ठापूर्वक अपनी सेवाएँ दे रहे 2855 बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक अब बेरोज़गार होने जा रहे हैं। ये सभी अभ्यर्थी NCTE (2018) के गजट, छत्तीसगढ़ के राजपत्र तथा शिक्षा-विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा में उच्चकोटि के अंक प्राप्त कर नियमतः नियुक्त हुए थे। नीति-निर्माताओं की चूक तथा विधिक नियमों में अप्रत्याशित परिवर्तन की वजह से इन 2855 युवाओं पर पदमुक्ति का संकट मंडरा रहा है।

ये है मामला
गौरतलब है कि परीक्षाफल जारी किए जाने के बाद शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा NCTE 2018 का गजट ख़ारिज कर दिया गया। अब उच्चन्यायालय (बिलासपुर) द्वारा दो हफ़्तों के भीतर बीएड के स्थान पर डीएड को नियुक्ति देने का आदेश दिया गया है।

योग्यता अनुसार करे समायोजन
पिछले 15 माह से ये सहायक शिक्षक अपनी जमापूँजी लगाकर न्यायालय की लड़ाई लड़ रहे थे तथा अब सरकार से सेवा सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। कोर्ट के फ़ैसले के बाद राज्य के विधायकों तथा सांसदों के पास भटकते इन शिक्षकों का कहना है कि शासन-प्रशासन, नीतिनिर्माताओं की ग़लतियों की सजा हम मेहनतकश युवाओं को दी जा रही है, हम सभी अभ्यर्थी बी.एड., स्नातक/स्नाकोत्तर, टी.ई.टी. की योग्यता रखते हैं। भर्ती परीक्षा में चयनित होकर हमने अपनी पात्रता का प्रमाण दिया है। केवल परीक्षा के उपरांत नियमों में बदलाव की वजह से हमें बाहर किया जा रहा है। राज्य में शिक्षा विभाग के हज़ारों पद रिक्त हैं, हम चयनितों को इनकी योग्यता के अनुसार विभाग में समायोजित किया जा सकता है।
उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान जस्टिस नरेंद्र व्यास द्वारा भी सरकार को इनके समायोजन का सुझाव दिया गया था। अब अनुनय यात्रा के द्वारा ये युवा अम्बिकापुर से रायपुर तक का सफ़र तय कर साय सरकार से सेवा-सुरक्षा की अनुनय करने सड़क पर निकले हैं। यात्रा तृतीय दिवस अंबिकापुर से रायपुर पदयात्रा का काफिला उदयपुर से निकल कर आज चोटिया, पोड़ी उपरोड़ा होते हुए साय 7 बजे कटघोरा के सड़कों में रैली निकाल कर बस स्टैंड से अग्रसेन भवन में सभा के रूप में विलीन हो गया।
पूरी नियमों के तहत हुई भर्ती प्रक्रिया के होने के बावजूद आज ये शिक्षक सड़कों पर ठंडी , भूख के परवाह किए बिना, सेवा सुरक्षा के लिए एक याचक के भाती सरकार से मांग रहे है।
संघर्ष के राह पर निकल आए तो चुनौतियां जो भी हो सहना पड़ेगा।

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text