अतुल्य भारत चेतना
मोहम्मद शरीफ कुरैशी
रतलाम,जावरा। (नि प्र) घूसखोर पटवारियों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है तो प्रशासन गलत कहां है। यह कहना है – अभिभाषक संघ जावरा के पूर्व वाचनालय सचिव अजय श्रीवास्तव का। यह बिल्कुल सत्य है कि पटवारी नामांकन, सीमांकन व अन्य कार्यों के लिए बिना लिए दिए कोई काम नहीं करते। अब यदि पत्रकारों ने ही स्ट्रिंग ऑपरेशन कर पटवारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ा और इसी प्रथम दृष्टिया आधार पर कानूनी कार्रवाई की तो पटवारी अपने संघ का शायद दुरुपयोग कर रहे हैं क्योंकि यदि पटवारी निर्दोष साबित हो तो उन्हें न्यायालय के निर्णय के आधार पर मानहानि एवं मानसिक संत्रास का मुकदमा दायर करना चाहिए लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि पटवारी संघ घूसखोरी पटवारी के समर्थन में आंदोलन व प्रदर्शन करके अपनी गलत ताकत सरकार को दिखा रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे सभी संघ को सरकार को समाप्त कर देना चाहिए जो शासकीय कर्मचारी शासन से वेतन ले रहे हैं। आपने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आया है कि पटवारी ने आगे रहकर कलेक्टर अथवा एसडीएम को यह शिकायत की हो कि अमूक व्यक्ति मुझे रिश्वत देने की पेशकश कर रहा है। यदि पटवारी द्वारा रिश्वत देने वाले व्यक्ति की शिकायत लोकायुक्त में की हो ऐसी कोई उदाहरण नहीं सामने आया है।