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जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके में भू माफियाओं और जमीन अतिक्रमियों के हौसले बुलंद

By News Desk Dec 5, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
नवदीप सिंह

जयपुर। राजधानी जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके में भू माफियाओं और जमीन अतिक्रमियों के हौसले बुलंद हैं। मानपुर सड़वा के गोविंद देव मंदिर की मंदिर माफी जमीन पर भू माफिया लंबे समय से कब्जा कर अवैध कॉलोनियाँ काट रहे हैं, जिसमें विशेष तौर पर अफजल विहार एवं अफजल बिहार A शामिल हैं। लगातार स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं, लेकिन जेडीए दस्ता वहाँ पर कार्यवाही करने में नाकाम साबित हो रहा है। जेडीए के जोन-दो में स्थित मानपुर सड़वा का यह इलाका लगातार अतिक्रमण के कारण सुर्खियों में बना रहता है, लेकिन अधिकारियों और भू माफिया की मिलीभगत के कारण कार्यवाही अंजाम तक नहीं पहुँच पाती है। सोमवार को जब ‘दैनिक आपका साक्षी’ के विशेष संवाददाता एवं ‘चौपाल समाचार’ (जनता की चौपाल) की टीम, जिसमें एडिटर लक्ष्मीकांत पारीक, रिपोर्टर शिखा पुरोहित और टेक्नीशियन भावेश जांगिड़ शामिल थे, राइजिंग राजस्थान के चलते रिपोर्टिंग करने पहुँची, तो वहाँ पर स्थानीय लोगों ने बड़े अवैध निर्माण एवं कब्जे की जानकारी दी।जैसे ही चौपाल समाचार की टीम वहां पहुँची, स्थानीय भू माफिया ने अभद्रता करना शुरू कर दिया एवं मारपीट पर उतारू हो गए। इस घटना की जानकारी तुरंत प्रभाव से स्थानीय पुलिस थाना जयसिंहपुरा खोर को दी गई, और पुलिस जाति को मौके पर बुलाया गया। मौके पर पहुँचे सब-इंस्पेक्टर नरेंद्र ने हाथों-हाथ तफ्तीश की एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। यह जानकारी इलाके के एसीपी भोपाल सिंह भाटी को भी दी गई, जिन्होंने कार्रवाई का पूर्ण आश्वासन दिया। इस अवैध कब्जे एवं प्लाटिंग की जानकारी मौके से ही हवा महल क्षेत्र के विधायक बालमुकुंद आचार्य को भी दी गई, जिन्होंने तुरंत प्रभाव से जेडीए में इस बड़े अतिक्रमण और अवैध निर्माण की शिकायत दर्ज कराई। स्थानीय पार्षद सुरेश सैनी ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए पुलिस एवं स्थानीय सहायता प्रदान की, जिससे पत्रकारों को राहत महसूस हुई। गौरतलब है कि खसरा नंबर 129 और 133 में घनघोर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण की लगातार कई वर्षों से शिकायत है, लेकिन भू माफिया की मिलीभगत के चलते कोई बड़ी कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुँच पाती है। पिछले कुछ दिनों पहले जेडीए ने कार्यवाही करने का प्रयास भी किया था, लेकिन मिलीभगत के चलते कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी और यह मंदिर माफी जमीन पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण निर्बाध रूप से जारी रहे।

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