बाल-विवाह की शिकायत पर बिना वारंट के हो सकती है गिरफ्तारी, दो वर्ष का कारावास और 1 लाख का जुर्माना
अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। हम होंगे कामयाब पखवाड़े में अंतर्गत बुधवार को बाल- विवाह मुक्त भारत अभियान प्रारम्भ हो चुका है। इस अभियान के प्रारम्भ होते ही जिले में विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा कलेक्टर मृणाल मीना एवं जिला कार्यकारी अधिकारी दीपमाला मंगोदिया के मार्गदर्शन में स्कूलों के अलावा आँगनवाड़ियों में इस पर केंद्रीय कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसी के अंतर्गत बुधवार को बाल-विवाह निषेध जागरूकता अभियान का उद्देश्य भारत से बाल-विवाह जैसी कुप्रथा जो कि मानव अधिकार उल्लंघन का सबसे ख़राब स्वरूप है। इसे जड़ से हटाना एवं जेंडर संवेदनशील समाज का निर्माण करना। इसी तारतम्य में जिले के सभी कार्यालय, कलेक्टर सभाकक्ष, शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय, महाविद्यालयों, छात्रवासों, में जैसे उत्कृष्ट विद्यालय एवं आदिवासी सीनियर कन्या छात्रावास, शासकीय मॉडल स्कुल बिरसा, जनपद पंचायत भरवेली, शासकीय विद्यालय आमाटोला, एकीकृत शासकीय विद्यालय कासपुर, भारत स्काउट एवं गाइड जिला प्रशिक्षण केंद्र वारासिवनी, सीएम राइस स्कुल मलाजखंड एवं लेंडेझरी, सेंट मेरी इंग्लिश स्कूल बालाघाट, सतपुड़ा इंजीनियरिंग कॉलेज बालाघाट, कन्या शाला अमोली, एवं सभी विकासखंड, परिक्षेत्र एवं आगनवाडी केन्द्रों में बाल-विवाह मुक्त भारत की शपथ छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों, ग्रामीणजनों को दिलायी गई।




आयोजन में बताया गया कि बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान के अनुसार बाल-विवाह करना या शामिल होना आदि के सम्बंध में शिकायत पर पुलिस द्वारा बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। साथ ही गैरजमानती भी प्रावधान किया गया है। जिसमें अदालत से ही जमानत करवाना पड़ेगी। इसमें दो वर्ष का कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विवाह के लिए पुरुष 21 वर्ष और नारी के लिए 18 वर्ष की आयु से कम न हो। विवाह अधिनियम के अधीन दंडनीय अपराध संघेय और गैरजमानतीय है ऐसा करने पर दो वर्ष का कठोर कारावास व एक लाख रुपए के जुर्माने से दंड का प्रावधान हैं। बाल-विवाह संचालित करना, निर्देशित करना, दुष्प्रेरित करने पर दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माने से दंडनीय है की जानकारी दी गई। इस दौरान स्वयंसेवी संस्थानों जैसे हम फाउंडेशन, रक्षिका शौर्य शक्ति फाउंडेशन के द्वारा भी बाल-विवाह जैसी कुरीति को समाप्त करने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। यह अभियान विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए लड़कियों एवं महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यम और उद्यमिता को बढ़ावा देने प्रगतिशील और समतापूर्ण समाज सुनिश्चित करने हर बच्चे की क्षमता को पूर्णता से साकार करेगा।