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नवजात पुनर्जीवन कार्यक्रम पर कार्यशाला: पहला स्वर्णिम मिनट’ की अहमियत पर जोर

By News Desk Nov 27, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
आशा रावत

देहरादून। गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय, देहरादून के बाल रोग विभाग द्वारा 27 नवंबर 2024 को नवजात पुनर्जीवन कार्यक्रम (एनआरपी) और बुनियादी वेंटिलेशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवजात शिशुओं की आपातकालीन स्थितियों को संभालने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को महत्वपूर्ण कौशल प्रदान करना था, खासकर जन्म के बाद के “पहले स्वर्णिम मिनट” के दौरान। इस कार्यशाला का संचालन प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञों – डॉ. बी.पी. कालरा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. विशाल कौशिक और डॉ. गौरव मुखिजा ने किया। उन्होंने नवजात पुनर्जीवन तकनीकों और समय पर प्रभावी हस्तक्षेप के महत्व पर गहन प्रशिक्षण दिया, जिससे नवजात शिशुओं के जीवन को बचाया जा सके।

इस कार्यशाला में बाल रोग और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों के साथ-साथ नवजात देखभाल में शामिल नर्सिंग स्टाफ ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने व्यावहारिक सत्रों में सक्रिय भागीदारी की, जिसमें वायुमार्ग प्रबंधन, वेंटिलेशन तकनीक और नवजातों के लिए सीपीआर प्रोटोकॉल पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. बी.पी. कालरा ने “पहले स्वर्णिम मिनट” की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “जन्म के बाद का पहला 60 सेकंड जीवन रक्षक हो सकता है यदि उचित पुनर्जीवन प्रक्रिया को लागू किया जाए। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी इन महत्वपूर्ण कौशलों से लैस हो।” यह कार्यशाला प्रतिभागियों के बीच बहुत सराही गई, जिन्होंने प्रशिक्षकों की व्यावहारिक दृष्टिकोण और स्पष्ट व्याख्या की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत तक, प्रतिभागी नवजात आपात स्थितियों को संभालने के लिए अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रहे थे, जो इस आयोजन की सफलता को दर्शाता है। बाल रोग विभाग की इस पहल ने नवजात स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य समुदाय में पेशेवर विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया।

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