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कृषि महाविद्यालय के प्रो. एवं छात्र-छात्राओं द्वारा केला के पौधे में की गई विशेष प्रकार की प्रैक्टिकल प्रक्रिया

By News Desk Nov 22, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल

कटघोरा/कोरबा। कृषि कॉलेज व अनुसंधान केंद्र कटघोरा के अधिष्ठाता डॉक्टर एस एस पोर्ते के मार्गदर्शन में उद्यानिकी के शिक्षक देवेश्वर प्रसाद पटेल ने पोडी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत नगोई बछेरा के किसानों को कॉलेज के चतुर्थ वर्ष के छात्रों ने केला के पौधे में बैगिंग प्रापिंग डिनेवलिंग डिसकरिंग के बारे में बताया। कृषक राधाराम की बाड़ी में केला के पौधे पर विशेष प्रक्रियाएं की गई। वहाँ पर छात्रों ने सबसे पहले केला के पौधों पर प्रोपिंग कर पौधे को सहारा दिया।

उसके बाद डिनेवलिंग (नर पुष्प को पौधे से अलग करना) की प्रक्रिया की। डिनेवलिंग की प्रक्रिया नर पुष्प में पोषक तत्व को जाने से रोकने के लिए तथा पोषक तत्व के संरक्षण के लिए किया जाता है।इसके पश्चात बैगिंग की प्रक्रिया की गई , जिसमें केले के गुच्छे को जुट के बोरे से ढक दिया गया। इससे केले के आसपास सूक्ष्म वातावरण का निर्माण होता है तथा कीट पतंगो से केले का गुच्छा सुरक्षित रहता है तथा गुणवत्ता अच्छी रहती है।उस समय काफी संख्या में गाँव के लोग उपस्थित रहे।

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