अतुल्य भारत चेतना
संतोष पाण्डेय
लंभुआ/सुल्तानपुर। इन स्कूली वाहनों मे बैठे हुए नौनिहाल क्या सुरक्षित है ?
क्या बस रंग पीला करवा लेने से विद्यालय प्रबन्धन कि जबाबदेही खत्म हो जाती है? मामला नगर पंचायत लम्भुआ मे चलनी वाली एक स्कूली वाहन हन का है ,जिसमें पीछे का सेप्टी ग्लास है ही नही जिसमें पीछे बैठे विद्यार्थी यदि तेज ब्रेक चालक लगा दे तो शायद पीछे से सडक पर गिर जाएंगे और एक बड़ा हादसा हो जाएगा। अभिभावक अपने बच्चे को विद्यालय ऐसी व्यवस्था मे भेज रहे है जिसमें पूरा पूरा जान का जोखिम बच्चो का बना हुआ शासन प्रशासन एक नए हादसे के इन्तज़ार मे रहता है इनके लिए न चेकिंग है और न ही सुरक्षा व्यवस्था।