अतुल्य भारत चेतना
रईस
रूपईडीहा, बहराइच। सीमा पर पहली बार चकित कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। ज्ञात हो की सीमा पर तैनात एस एस बी शिवपुरा चेकपोस्ट द्वारा 30 सितंबर को एक पिकअप संख्या यूपी 31 बी टी 2597 पर लदे हुए दवा को शिवपुरा चेकपोस्ट के पास से तस्करी कर नेपाल ले जाने का आरोप लगाते हुए पकड़ कर सीज करते हुए नानपारा कस्टम कार्यालय के सुपुर्द कर दिया था।जिसमे गाड़ी और दवा दोनो को नानपारा कस्टम कार्यालय द्वारा सीज कर दिया गया था लेकिन जब इस मामले की जानकारी उक्त गाड़ी में लदे दवा के मालिक मेसर्स एवेंटर परफार्मेंस मटेरियल इंडिया लिमिटेड डसना गाजियाबाद को हुई तो वह चकित हो गया उन्होंने इस सम्बंध में अपने अधिकृत सी एच ए हसीब अहमद से जानकारी ली।संवाददाता द्वारा इस संबंध में जब सी एच ए हसीब अहमद से बात की गई तो उन्होंने बताया की उक्त गाड़ी 28 सितंबर को रूपईडीहा सीमा पर आई थी चूंकि ये दवा था जो नेपाल निर्यात होना था और दवा को नेपाल निर्यात करने के लिए CDSCO की अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहिए होता है और इस प्रमाण पत्र को आने में दो से तीन दिन लग जाता है इसलिए इस का हमने कस्टम मंप सभी कागजात को जमा कर दिया और CDSCO अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए कागजात भेज दिया। चूंकि यहां रुकने में ड्राइवर का खर्चा अधिक होता इसलिए ड्राइवर अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा था तभी रास्ते में एस एस बी ने शंका के आधार पर उसे पकड़ लिया और सारे कागजात दिखाने के बाद भी दवा और गाड़ी को सीजर कर दिया गया।इसके बाद मैने इस मामले को कस्टम आयुक्त के यहां प्रार्थना पत्र देकर जांच करने की अपील की थी। जिसका संज्ञान लेकर कस्टम आयुक्त ने इस मामले की पूरी जांच की और सभी का बयान लेने के बाद एस एस बी द्वारा सीज करने का मामला गलत पाया गया। इसलिए कस्टम द्वारा उक्त गाड़ी को छोड़ दिया गया है। सी एच ए हसीब अहमद ने बताया की अभी तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है की कस्टम द्वारा सीज किए हुए सामान को एक हफ्ते के अंदर फिर से छोड़ दिया गया हो।