Breaking
Sun. Jun 8th, 2025

भरत मिलाप ने लाए दर्शको की आंखों में आंसू, भावुक हुआ प्रांगण

By News Desk Oct 4, 2024
Spread the love

भरत ने ठानी ज़िद, नही रह सकूंगा श्री राम के बिन

श्री राम से मिलने पहुंचे भरत

अतुल्य भारत चेतना
अखिल सूर्यवंशी

छिंदवाड़ा। श्रीरामलीला मण्डल के सचिव राजेंद्र आचार्य ने बताया कि दिन प्रतिदिन रामलीला देखने जन मानस की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
सहनिर्देशक अभिषेक मुदलियार ने जानकारी दी कि बीती रात श्री रामलीला रंगमंच परिसर एक मार्मिक प्रसंग का साक्षी बना। इस दौरान भरत मिलाप की लीला खेली गई। जिसमे भरत को महाराज दशरथ के देह त्याग की जानकारी लगते ही गहरा आघात पहुँचता है। दुख की पराकाष्ठा तब हो जाती है जब उन्हें पता चलता है कि श्री राम वन गमन कर गए हैं और इस महान दुख का कारक और कोई नही बल्कि स्वयं भरत की माँ केकई है। भरत को जब राम के वन गमन की जानकारी प्राप्त होती है तब वह पिता के मृत्यु के दुःख को भी विसरा कर राम के वियोग में दुखी हो जाते है। इसके बाद भरत अपने पिता महाराज दशरथ को अंतिम विदाई देकर चित्रकूट की ओर जहां श्री राम निवास कर रहे थे जाने की हठ करते है। दौड़े दौड़े चित्रकूट पहुँच कर श्रीराम के गले लग कर रो पड़ते हैं। श्रीराम द्वारा समझाने पर उनकी चरण पादुका सर पर रख कर लौट जाते हैं। श्री राम ने कहा कि भरत पर कोई संदेह नहीं कर सकता, उनका चरित्र परम पावन है। लीला के अंतिम क्षणों में जैसे “राम भक्त ले चला राम की निशानी.…” गाना चला तो परिसर में उपस्थित सभी दशकों की आंखे आंसुओ से भर गई। भरत मिलाप की लीला में भरत के रूप में दिखे मंडल के मीडिया प्रभारी एवं सहनिर्देशक ऋषभ स्थापक जिन्होंने जीवंत अभिनय कर भरत के किरदार को सार्थकता प्रदान की। श्री राम के रूप में रजत पांडे ने अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। सीता बने हैं प्रज्ञांश शुक्ला, लक्ष्मण का अभिनय आयुष शुक्ल कर रहे हैं। शत्रुघ्न बने रुद्रांश राजपूत ने अपने पात्र के साथ न्याय किया, केकई का कुशल अभिनय तेजस चौरसिया ने किया। कौशल्या के रूप में अभिनव शुक्ला नज़र आए। सुमित्रा का पात्र प्रणव शुक्ला ने निभाया। मंथरा का षड्यंत्रकारी के द्वार विपुल विश्वकर्मा ने बखूबी निभाया। निदाशराज के रूप में मंडल के संरक्षक विजय आनंद दूबे एवं केवट के रूप में संतोष नामदेव रहे।

आज होगा पंचवटी प्रवेश और रावण मारीच संवाद
सह निर्देशक श्रांत चंदेल ने बताया कि आज चित्रकूट से आगे बढ़कर श्री राम माता सीता और लक्ष्मण एक नई जगह की तलाश में पंचवटी पहुंचेंगे जहां का मनोरम दृश्य देखते हुए वहीं रुकने का निर्णय लिया जाएगा इस दौरान स्वरूप नखा की नाक काटी जाएगी तथा खर दूषण वध होगा जिस से क्रुद्ध होकर रावण मारीच को स्वर्ण मृग बनने का दबाव बनाएगा।

ऋषभ एस. स्थापक,
प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी,
श्री रामलीला मंडल छिंदवाड़ा

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text