अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। रूपईडीहा रोडवेज डिपो पर भारी संख्या में नेपालगंज के होटलो के दलालों का सुबह से ही जमावड़ा हो जाता है। भारत नेपाल सीमा सुबह 6 बजे खुलता है। परंतु ये दलाल रुपईडीहा के पूरब व पश्चिम खुली सीमा का लाभ उठाते हुए दबे पांव सुबह 3, 4 बजे रोडवेज डिपो पर पहुंच जाते हैं। दिल्ली, लखनऊ, हरिद्वार, शिमला, जयपुर व वाराणसी आदि स्थानों से सुबह नेपाली सवारियों को लेकर बसे डिपो पर पहुंचती हैं। दर्जनों की संख्या में नेपालगंज के होटलों के दलाल बसों को घेर लेते हैं। सवारियां उतरने भी नही पाती कि ये बसों के गेट घेर कर खड़े हो जाते हैं व छीना झपटी करने लगते हैं। नेपाली भाषा मे सवारियों को समझाबुझाकर होटलों में ले जाकर होटल मालिकों से कमीशन ले लेते हैं। इस संबंध में बसों के चालक व परिचालक इन्हें दूर हटने के लिए कहते हैं तो ये दलाल झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। युवक ही नही नेपाली युवतियां तक रोज डिपो पर दलाली करने के लिए पहुंच रही हैं। नेपाली दलाल रुपईडीहा के बाहर पेट्रोल पंप तक धावा मारते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिपो की ओर से कई बार स्थानीय प्रशास से पत्राचार किया गया है। परंतु समस्या जस की तस है। सवारियों को स्टेशन रोड पर मारपीट कर रिक्शों पर बैठाते भी देखा जा रहा है। रास्ते मे जांच का भय दिखाकर 1 सौ से 5 सौ रुपये तक ठग लेते हैं। नेपाली सवारियों को यहां कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। दलाल अपनी बाइकों पर भी जबरिया सामान सहित बैठा लेते हैं। ई रिक्शा चालक डिपो में घुस जाते हैं व नेपाली सवारियों का सामान छीनकर अपने रिक्शे पर बैठाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। कुछ चालक परिचालकों ने यह भी बताया कि सुबह यदि थाने से 2 सिपाही या होमगार्ड ही आ जाएं तो समस्या का समाधान हो सकता है। विजय दशमी को नेपाल में बड़ा दशयी कहते हैं। यह नेपाल का सामाजिक व राष्ट्रीय महा पर्व माना जाता है। भारत के विभिन्न शहरों में काम करने वाले नेपाली कामदार दशहरा मनाने स्वदेश लौटते हैं। फलस्वरूप झुंड के झुंड सपरिवार नेपाली कामदार रुपईडीहा रोडवेज डिपो पर उतर रहे हैं। रुपईडीहा थाने के सामने एसएसबी की जांच के पहले कुछ रिक्शावान मनमाना किराया वसूलते हैं।
रोडवेज डिपो पर नेपाली दलालों का आतंक जिम्मेदार मौन
