अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों के लिए मानव वन्य जीव संघर्ष पर डब्ल्यूटीआई एवं वन विभाग के संयुक्त नेतृत्व में चार दिवसीय कार्यशाला कतर्नियाघाट रेंज के ईको अवेयरनेस सेंटर पर सम्पन्न हुआ। समापन समारोह में कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी बी शिवशंकर ने प्रशिक्षण प्राप्त वन कर्मियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही कुल 42 वन कर्मियों को प्रमाण पत्र देकर दिया गया साथ ही डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर आर्थिक सहायता के तौर पर दस दस हजार रुपए का चेक डीएफओ में माध्यम से तीन घायलों को प्रदान किया गया। 16 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक ककरहा, मोतीपुर, धर्मापुर, मुर्तिहा में एवं निशानगाड़ा, सुजौली, कतर्नियाघाट रेंज मे 18 एवं 19 को प्रशिक्षण चलाया गया। डब्ल्यूटीआई के चीफ़ वेटनेंरियन डाक्टर एन वी के अशरफ ने प्रशिक्षण के दौरान डब्ल्यूटीआई के बारे में परिचय कराते हुए बुनियादी नियम बताये उन्होंने बड़ी बिल्लियों से संबंधित संघर्ष स्थितियों का प्रबंधन बचाव रेस्क्यू के बारे में बताया। प्रोजेक्ट हेड मिलिंद परिक्कम ने मानव वन्य जीव संघर्ष की पहचान एवं इसकी गतिशीलता के बारे में जानकारी प्रदान की। रुद्र महापात्रा एवं अभीषेक घोषाल ने मानव वन्य जीव संघर्ष में मानव ब्यवहार के वे पहलू जो संघर्ष को भड़काते है बाघ तेंदुआ संघर्ष में भीड़ प्रबंधन एवं बचाव अभियान के बारे जानकारी दी। इस दौरान डब्ल्यूटीआई के सीनियर प्रोग्राम आफिसर दिव्या मेहरा,प्रोजेक्ट हेड तराई लैंड स्केप के दिब्यदीप चैटरजी, फील्ड बायोलॉजिस अरुण कुमार,वन क्षेत्राधिकरी रामकुमार, वन क्षेत्राधिकरी रत्नेश कुमार, वन क्षेत्राधिकरी रोहित कुमार, वनक्षेत्राधिकरी सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, वनक्षेत्राधिकरी डीपी कनौजिया, वन क्षेत्राधिकरी मोतीपुर, वन दारोगा अनिल कुमार,वन दारोगा राम सुख यादव, वन रक्षक अकील अहमद, वन रक्षक कौशल किशोर डब्ल्यूडब्क्यूएफ के फील्ड सहायक मंसूर अली आदि मौजूद रहे।