मंडल एवं फेडरेशन की अनुमोदना, मनेगा उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म
अतुल्य भारत चेतना
हर्षा बनोदे
छिंदवाड़ा। भादों सुदी पंचमी के शुभ दिन उत्तम क्षमा धर्म से प्रारंभ हुए जैन दर्शन के अनादि निधन शाश्वत महापर्व दशलक्षण पर आज भादों सुदी चतुर्दशी मंगलवार के शुभ दिन सकल दिगंबर जैन समाज उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की मंगल आराधना करेगा।
पर्वराज दशलक्षण के नौवें दिवस भादों सुदी तेरस के शुभ दिन सकल दिगंबर जैन समाज के साथ मुमुक्षु मंडल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के जिनशासन सेवकों ने धर्म के नौवें लक्षण उत्तम आकिंचन्य धर्म की आराधना कर उसका सच्चा स्वरूप जाना और वीतराग भवन में उदयपुर से पधारे पंडित राजकुमार शास्त्री के श्रीमुख से मां जिनवाणी का रसास्वादन कर देव – शास्त्र – गुरु भगवंतों सहित ज्ञायक भगवान आत्मा का गुणगान किया।
फेडरेशन सचिव दीपक राज जैन ने बताया की आज प्रातः 6.50 से अहिंसा स्थली गोल गंज के श्री आदिनाथ जिनालय में जिनबिंब प्रक्षालन से पर्वराज का शुभारंभ होगा पश्चात श्री जिनेन्द्र पूजन, दसलक्षण पूजन विधान कर वासुपूज्य भगवान का निर्वाण कल्याणक महोत्सव मनाकर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की जावेगी।
एक ईंट मेरी भी।
श्री जैन ने बताया की गुरुदेवश्री की प्रेरणा से वर्ष 1977 में पंडित टोडरमल सिद्धांत महाविद्यालय जयपुर की स्थापना हुई, जिसमे अभी तक एक हजार से ज्यादा शास्त्री विद्वान ने जैनदर्शन का अध्यन कर देश – विदेश में धर्म प्रभावना करते हुए भारत का गौरव बढ़ा रहें हैं।
वर्तमान समय में टोडरमल स्मारक में 2 सौ विद्यार्थी अध्यन करते थे परंतु समय की मांग को देखते हुए अब 4 सौ विद्यार्थियों के लिए महाविद्यालय बनाया जा रहा है। जिसमे देश विदेश के युवा रहकर जैन दर्शन का क्रमशः पठन पाठन करेंगे और पांच वर्षों में शास्त्री विद्वान बन कर तीर्थंकर महावीर की सर्वोदय अहिंसा सहित जैन दर्शन के तत्वज्ञान को जन जन तक पंहुचाकर जैन समाज का गौरव बढ़ाएंगे।
एक ईंट मेरी भी अभियान की जानकारी देने जयपुर से पंडित जिनकुमार शास्त्री एवं पंडित आदिकुमार शास्त्री का छिंदवाड़ा आगमन हुआ। जिनका दिगंबर जैन मुमुक्षु मंडल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन ने आत्मीय अभिनंदन किया और सम्पूर्ण जैन समाज के युवाओं के अध्यन हेतु ज्ञानदान के लिए बन रहें नवीन महाविद्यालय की अनुमोदना की एवं खुले ह्रदय से दान देकर नवीन संकुल की शुभकामनाएं दी।