सीमा क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया बारह रबीउल अव्वल अकीदत व एहतेराम के साथ निकला जुलूस ए मोहम्मदी
अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। दुनिया भर में इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिवस बड़ी ही अकीदत जोश खरोश के साथ मनाया गया। भारत नेपाल सीमा के रुपईडीहा और आसपास के क्षेत्रों के साथ साथ पड़ोसी मित्र देश नेपाल के नेपालगंज में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रात भर जागकर अल्लाह की इबादत की और अल्लाह को धन्यवाद दिया। अपने अपने घरों और गलियों में रौशनी की और खूब सजाया।इसके पूर्व बारह रबीउल अव्वल की पूर्व संध्या पर रूपईडीहा स्थित जामा मस्जिद के सामने एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें श्रावस्ती से तशरीफ लाए मौलाना मोहम्मद जहूर रजवी ने मोहम्मद साहब की सीरत बयान करते हुए मोहम्मद साहब के उसूलों पर चलने की अपील की।उन्होंने अपनी तकरीर में बयान करते हुए बताया कि मोहम्मद साहब अल्लाह की तरफ से पूरी कायनात के लिए रहमतुललिल आलमीन बनाकर भेजे गये हैं।मोहम्मद साहब के जन्म से पहले अरब में महिलाओं पर बहुत ज़ुल्म किया जाता था,लोग पैदा होने वाली बच्चियों को ज़िंदा कब्र में दफ्न कर दिया जाता था। आपके आने के बाद लोगो को इन सब बुराइयों से बचाया और लोगो को अपनी बच्चियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने की हिदायत दी।इसके पूर्व शोराय इकराम,जमील हशमती फैजाबादी ने कलाम पेश करते हुए कहा की गुलामों का सोया मुकद्दर जगाने हुजूर आ रहे है हुजूर आ रहे है,कामिल रज़ा ,सैय्यद कौनेनअशरफ,मोहम्मद नौशाद गोंडवी,कारी फैज़ान निजामी ने नातिया कलाम पेश किए।जलसे का बेहतरीन संचालन मुंबई से तशरीफ लाने वाले शायर जमाल अख्तर सदफ ने किया।इन्होंने कलाम पेश करते हुए कहा कि बनकर कोई भी बाप तमाशा नही उठा,दिल में लिए ज़लील इरादा नही उठा,इस्लाम ने बदल दिए रस्मो के ज़ाविये,फिर ज़िंदा लड़कियों का जनाज़ा नही उठा। इस अवसर पर सीरत कमेटी के सदर मो खेसाल फारुकी,डॉ रोमान किदवई, पूर्व प्रधान जुबेर अहमद फारुकी, नौशाद हुसैन अशरफी,सज्जन अशरफी,इरशाद हुसैन,सज्जाद बाबा,शमशाद खां,इम्तियाज खां,गुड्डू मेकरानी,आलम मेकरानी आदि मौजूद रहे बड़े ही अकीदत और धूमधाम से निकला जुलूसे मोहम्मदी बारह रबी उल अव्वल के अवसर पर रूपईडीहा के जामा मस्जिद से जुलूस ए मोहम्मदी बडी ही शान और शौकत से निकाला गया।जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।जो नगर भ्रमण करते हुए स्टेशन रोड, चकिया रोड, नई बस्ती,साकेत नगर,रुपईडीहा गांव,बरथनवा गांव होते हुए वापिस जामा मस्जिद के पास आकर सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर नगर कोतवाल शमशेर बहादुर सिंह मय दल बल के साथ मुस्तैदी से जुलूस के साथ निगरानी करते हुए चलते रहे।