अतुल्य भारत चेतना
समंदर सिह राजपूत
राजगढ़ नगर/ धार। कथावाचक आचार्य श्री कृष्णकांत उपाध्याय ने लीलाओं का वर्णन किया और श्रद्धालुओं को जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। कथा के दौरान, कथावाचक आचार्य श्री कृष्णकांत उपाध्याय ने भगवान वामन देवता और बाली के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि कैसे भगवान वामन देवता ने बाली को उसकी गलतियों के लिए सबक सिखाया और उसे सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। वह हमें सिखाते हैं कि जीवन में सच्ची खुशी और शांति कैसे प्राप्त की जा सकती है। जितनी आवश्यकता होती है उतना ही मोह मनुष्य को करना चाहिए। ज्यादा मोह दुख का कारण होता है। श्री, कृष्णकांत उपाध्याय जी ने कहा कि ध्रुव की तरह तपस्या करो लेकिन मीरा की तरह चिंतन भी करो तभी ही प्रभु का साक्षात्कार हो पाएगा।इस मौके पर श्री राधा कृष्ण शेषासायी,मंदिर क्षत्रिय राजपूत समाज द्वारा बड़े धूमधाम से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव भी मनाया गया। आलकी के पालकी-जय कन्हैयालाल की के जयकारे के साथ श्रदालुओ ने जन्मोत्सव मनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रदालु मौजूद थे। आरती उतार कर प्रसाद वितरण कि गई कथा रोज सुबह 9 से शाम 4 बजे तक हो रही है। 18 सितंबर को कथा का समापन होगा।