अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। बालाघाट के बैहर क्षेत्र में ग्राम पंचायत माना अंतर्गत बाढ़ में बहे पुलिया को बनवाने को लेकर कोई सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने लकड़ी का पुल बना दिया है। बताया जाता है कि बैहर क्षेत्र की गढ़ी मार्ग के बीच से प्रवाहित होने कश्मीरी नाले पर बना पुलिया तेज बहाव में बह गया था। जिससे यहां के ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि गांव में दूसरा कोई बाहर निकलने वाला रास्ता नहीं होने से दिक्कत बढ़ गई थी।


ऐसी स्थिति में ग्रामीणों ने प्रशासन से पुलिया निर्माण की मांग की। लेकिन प्रशासन के ध्यान नहीं दिए जाने पर ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को आवागमन में हो रही समस्या को देखते हुए आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में लकड़ी का पुल बना दिया। लोकपाल सिंह कोसरे ने बताया कि ग्राम में 10 साल पुरानी एक पुलिया कुछ दिन पहले हुई भारी बारिश की बाढ़ में क्षतिग्रस्त होकर बह गई और ग्रामीणों का आना-जाना पूरी तरह बंद हो गया। विभाग से चर्चा की पर कोई भी समाधान नहीं निकला।
पुलिया के टूटने से ग्रामीण बाजार और स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे। जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने लकड़ी की पुलिया बनाई है। जिससे अभी आवागमन किया जा रहा है। हमारी प्रशासन से मांग है कि यदि ग्राम के पुलिया को बनाने के साथ ही गांव में एक बाइपास रोड भी बनाया जाए। ताकि भविष्य में यदि ऐसी स्थिति बनती है तो वह बाइपास मार्ग से अपना आना-जाना कर सके।
दरअसल, बीते दिनों जिले में हुई बारिश से आई बाढ़ के कारण बैहर क्षेत्र के ग्राम पंचायत माना अंतर्गत ग्राम लपटी में आवागमन का पुलिया से टूट गया था। जिससे ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को आवागमन में समस्या आ रही थी। ग्रामीणों ने शासन, प्रशासन से पुल की मांग की तो उन्हें केवल आश्वासन मिला। जिससे ग्रामीणों ने सामूहिक मेहनत से आवागमन के लिए टूटे पुल पर लकड़ी का पुल तैयार कर दिया। जिससे अब ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं।