सुहागिन महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत
अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर। धर्म धरा भारत विभिन्न आस्थाओं एवं संस्कारों की भूमि है। यहां ईश्वर के प्रति दृढ़ विश्वास के साथ व्रत उपवास एवं तपोसाधना की परम्परा है जो मनुष्य जाति को मनुष्य बनाती है जिसमें नारी का विशेष योगदान है। भारतीय नारी साधना एवं त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। कभी संतान की दीर्घायु हेतू व्रत, कभी पति की लम्बी आयु हेतू ऊमा महेश्वर की निर्जला व्रत। व्रत एवं त्यौहारों की इसी श्रृंखला में हरतालिका तीज छत्तीसगढ़ में तीजा का पर्व धार्मिक नगरी रतनपुर में भी बड़े ही श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाएं अपने मायके में पहुंच पति की लम्बी आयु के लिए 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की एवं कथा का श्रवण किया। भजन कीर्तन के साथ रात्रि जागरण किये और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किए। करैहापारा में पंडित गजेश कृष्ण महराज के यहां भगवान शिव एवं माता पार्वती की विधिवत पूजा अनुष्ठान किया गया एवं हरतालिका तीज व्रत कथा श्रवण कराया गया जिसमें मोहल्ले के बड़ी संख्या में तीजहारिन माताओं बहनों ने भाग लिया और पूजा कर कथा का श्रवण किया। सुबह फलाहार कर व्रत का समापन किया। खुरमी ठेठरी व विभिन्न पकवानों का पान किया।