अतुल्य भारत चेतना
समंदर सिह राजपूत
धार। जिले की सरदारपुर तहसील में रात से लगातार बारिश से खेतों में पानीं जल भराव जैसी स्थिति बन चुकी है,कई खेतों में पानी जमा हो गया है। जिस कारण अधिक नमी के चलते अंकुरित फसलें पीली पड़ने लगी है अन्नदाता को सताने लगा हैं। जो किसान हर साल जुलाई, अगस्त में बारिश की आस लगाए रहता था, वह अब अपने खेतों से पानी बाहर निकालने की जद्दोजहद में लगा है।
किसान के अनुसार अब 8 से 10 दिन बारिश नहीं होने पर खेतों में लगी फसलें बच पाएगी। साथ ही कहा कि कपास, सोयाबीन, मक्का, मूंग, चावल को अब ज्यादा पानी की जरूरत नहीं है। क्योंकि फसलें बड़ी होकर उत्पादन के लिये तैयार हो गई है।
किसानों का कहना है कि इस बार जुलाई, अगस्त महीने की शुरुआत में ही बेहतर बारिश से अच्छी फसल आएगी। लेकिन दो-तीन दिनों से लगातार बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। सोमवार व मंगलवार की सुबह बारिश का पानी किसानों के खेतों में जमा हो गया। यही नहीं गांवों के तालाब, नदी यहां तक कि कुएं भी बारिश के पानी से लबालब हो गए।
किसान बोले- सात से दस दिन तक पानी नहीं गिरा तो फसलें सुरक्षित रहेगी
किसानों ने बताया कि सोयाबीन, कपास, मक्का की फसल अभी तक की बारिश फसलों के लिए बेहतर थी। दो-तीन दिन की बारिश ने किसानों के खेतों में पानी जमा हो गया। अब और बारिश होती है तो मिट्टी में नमी बनी रहने से फसल में फंगस यानी पीला मोजेक का खतरा और बढ़ जाएगा। ऐसे में फसल पीली होकर सड़ जाएगी। आगामी दिनों में बारिश जारी रहती है तो सोयाबीन, कपास व मक्का की फसलों को नुकसान होने की संभावना है।
सब्जी लौकी, गिलकी गोभी और मिर्च को भी नुकसान
किसानों द्वारा बताया गया कि खरीफ फसलों के अलावा खेतों में लगी सब्जी जिसमें गोभी, लौकी व हरी मिर्च के फूल अधिक पानी गिरने से झड़ जाएंगे, जिसका असर उसके उत्पादन पर पड़ेगा।
नदी, तालाब और कुएं भी लबालब हुए
अधिक बारिश नुकसानदायक, फसलें बचाने के लिए खेतों से बाहर निकालें पानी
कृषि विभाग के अनुसार ज्यादा बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक है। सात से दस दिन बारिश नहीं होती है तो फसलें प्रभावित नहीं होगी। जहां जलभराव हो गया है, वहां पर किसान निकासी की व्यवस्था करें।
राजगढ़ के आसपास के किसानों की भी पिले वायरस से फासले खराब हो रही है इसको देखते हुए बीमा कंपनी एवं अधिकारी सर्वे कर किसानों को उचित मुआवजा देने का काम करें।