राजयोगिनी राधा दीदी ने श्रीकृष्ण जन्म के अध्यात्मिक रहस्यों को किया उजागर
अतुल्य भारत चेतना
संवाददाता
लखनऊ। ब्रह्माकुमारी गोमती नगर केंद्र पर बड़े ही धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया। बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। स्टेज पर सजी हुई सुंदर झांकी के बीच, राजयोगिनी राधा दीदी ने कृष्ण जन्म के आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया।

कृष्ण के कालिया नाग के फन पर डांस करने के आध्यात्मिक रहस्य को उद्घाटित करते हुए उन्होंने बताया कि वास्तव में कालिया नाग हमारे स्वयं के अंदर के विकारों का प्रतीक है। जब आत्मा संपूर्ण विकारों से मुक्त हो जाती है तो इसी जीवन को नृत्यमय भाव के साथ जी सकती है अर्थात् नाग के ऊपर डांस कर सकती है, उसके लिए प्रत्येक दिन उमंग उत्साह से भरा होता है। वास्तव में श्रीकृष्ण अपने जीवन के द्वारा आधुनिक मनुष्य को एक टेंशन फ्री जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं।


सभी कठिनाइयां, परेशानियां, प्रॉब्लम्स के बीच में भी हंसते खेल खिलाते हुए जीवन को लीला के रूप में जीकर जीवन जीने का रास्ता दिखा रहे हैं। राजयोग के माध्यम से हम ऐसी अध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं. कृष्ण को मक्खन पसंद था, कौन सा मक्खन। वह था ज्ञान का मक्खन। महाभारत में वर्णित युद्ध वास्तव में वर्तमान समय का प्रतीक है।

इस अवसर पर उ०प्र० सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम भी उपस्थित थे. उन्होंने कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई देते हुए जानकारी देते हुए बताया कि माना जाता है, यह कृष्ण का 5251 वां जन्मोत्सव है।

कृष्ण का पूरा जीवन प्रेम के विभिन्न रूपों की प्रस्तुति, ज्ञान और समर्पण की कहानी है जिसने भारतीय जनमानस को सशक्त प्रेरणा दी है। उन्होंने कृष्ण के डांस को आत्मा का आह्लाद बताया और यह आह्लाद केवल वही महसूस कर सकता है जो काम, क्रोध, लोभ आदि विकारों से मुक्त हो चुका है।

दिलीप भाई ने सुंदर कृष्ण गीत प्रस्तुत किया और बच्चों के नृत्य संगीत ने कृष्ण लीला को जैसे जीवंत कर दिया। अंत में सभी प्रतिभागियों को मेश्राम जी द्वारा सौगात दी गई और और माखन मटकी फोड़ने के साथ कार्यक्रम का उत्सवपूर्ण समापन हुआ।