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कैसरगंज मे डीएम ने किया निरीक्षण वादों के निस्तारण का देखा जमीनी सच

By News Desk Aug 6, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
अशोक सोनी

बहराइच।भूमि सम्बन्धित विवादों तथा विभिन्न न्यायालयों पर प्रचलित वादों के समयबद्ध निस्तारण के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अभिनव पहल की है। जिलाधिकारी की मंशा है कि विभिन्न न्यायालयों पर भूमि से सम्बन्धित प्रचलित वादों का गुण-दोष के आधार पर समय से निस्तारण हो जिससे वादकारियों को राहत मिलने के साथ न्यायालयों से भी वादों के बोझ में कमी आ सके।
डीएम का मानना है कि भूमि से सम्बन्धित प्रचलित वादों की उत्पत्ति के पीछे कोई न कोई विवाद छिपा होता है। क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों को भूमि विवाद से सम्बन्धित जानकारी होने तथा इसका अभिलेखीकरण एक पंजिका में होने से जहां विवादों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से हो सकेगा वहीं वाद प्रचलित होने पर तैयार किये गये अभिलेख भी मददगार साबित होंगे इसी कड़ी में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कैसरगंज तहसील पहुंचकर उप जिलाधिकारी कैसरगंज के न्यायालय का निरीक्षण कर प्रचलित पत्रावलियों का अवलोकन करते हुए वाद के दाखिला एवं नोटिस निर्गम की तिथि, तामिला की तिथि, राजस्व निरीक्षकों व लेखपाल की आख्या प्रस्तुत करने की तिथि इत्यादि का निरीक्षण किया। डीएम ने राजस्व संहिता की धारा 34, 67, 24, 116, 33, विशेषकर धारा 34, 67 व 24 से सम्बन्धित राजस्व वादों की पत्रावलियों का गहन निरीक्षण करते हुए निर्देश दिया कि जिन पत्रावलियों में न्यायपूर्व विधिक कार्यवाही पूर्ण हो गई हो उनके निस्तारण में किसी प्रकार का अनावश्यक विलम्ब न किया जाय न्यायालय के निरीक्षण के पश्चात डीएम ने तहसील सभागार में राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों के साथ बैठक कर तहसील अन्तर्गत ग्राम जरवल सहित खिजरापुर, बैरी महेशपुर, कुण्डासपारा, झुकिया, भेटिया, माधवपुर, कटका मरौठा इत्यादि के लेखपालों से आकस्मिक रूप से उनकी ग्राम पंचायत में धारा 34, 67 व 24 से सम्बन्धित प्रकरणों की बाबत विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिया ग्राम में भूमि विवाद से सम्बन्धित पंजिका बनाकर उसको अद्यतन भी रखा जाय। डीएम ने कहा कि ग्राम पंचायत के लिए तैयार किया गया रजिस्टर विवादों के निस्तारण में महत्वपूर्ण होगा। डीएम ने राजस्व वादों के सम्बन्धित समस्त पीठासीन अधिकारियों व अन्य सहायक कार्मिकों को निर्देश दिया कि भविष्य में निरीक्षण के दौरान यदि यह पाया जाता है कि किसी राजस्व अधिकारी व कर्मचारियों की शिथिलता के कारण वादों के निस्तारण में विलम्ब होता है तो सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय करते हुए विभागीय कार्यवाही की जाय तथा प्रकरण को राजस्व परिषद के संज्ञान में भी लाया जायेगा। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी न्यायिक लालधर यादव व तहसीलदार अभय राज पाण्डेय मौजूद रहे।

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