Breaking
Wed. Jun 18th, 2025

पूर्व विधायक और धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख मामलो में आ रहें हैं कई मोड़

By News Desk Aug 6, 2024
Spread the love

अतुल्य भारत चेतना
सुधांशु त्रिपाठी

सुल्तानपुर। लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट से एससी-एसटी समेत अन्य आरोपो से जुड़े मामले में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सिंह सोनू व उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू सहित अन्य को मिली सजा पर हाईकोर्ट ने अपील लम्बित रहने तक लगाई रोक,पर आ रहे कई नये मोड़ दो दिसम्बर वर्ष 2022 को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट जज एकता वर्मा की अदालत ने पूर्व विधायक समेत अन्य आरोपियों को दोषी करार देते हुए सुनाई थी सजा। वर्ष 2016 में धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव के दौरान हुआ था विवाद। जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह और ब्लाक प्रमुख शिवकुमार सिंह समेत अन्य को भी क्रॉस मामले में मिली थी सजा एससी-एसटी एक्ट के आरोप से जुड़े मामले में सजायाफ्ता होने के बाद यशभद्र सिंह मोनू का बीडीसी पद खतरे में आ जाने की वजह से चली गई थी प्रमुखी की कुर्सी। पद खत्म हो जाने के बाद जिला प्रशासन ने त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनाव के मद्देनजर मायंग वार्ड से बीडीसी पद व कुल चार प्रधान एवं दो सदस्य पद सहित जिले के सात पदों पर शुरू कर दी उपचुनाव की प्रक्रिया,जिसके क्रम में यशभद्र सिंह मोनू सम्बन्धी मायंग वार्ड से उनके चाचा ऋषिभद्र सिंह बीडीसी पद के लिए उतरे है मैदान में,वहीं कभी उनके ही बेहद करीबी रहे पूर्व प्रधान रामदेव निषाद ने पर्चा दाखिल कर उनके चाचा से लिया है मोर्चा। रामदेव निषाद ने मायंग गांव से प्रधान पद के उपचुनाव में अपनी पत्नी को खड़ा कर लगाया है दांव उपचुनाव के मद्देनजर आज सुबह सात बजे से ही सभी जगहों पर पदों के निर्वाचन के लिए शुरू हो चुकी है वोटिंग। ऐसे में हाईकोर्ट से सजा पर रोक लगने के बाद भी आसान नहीं दिख रही यशभद्र सिंह मोनू के प्रमुख पद की वापसी,जबकि सजा पर रोक लग जाने की दशा में होनी चाहिये पद की बहाली,फिलहाल प्रशासन व जिम्मेदार अफसर इस बिंदु पर कब और क्या लेते है निर्णय,सामने आना है शेष वहीं मायंग वार्ड से नये बीडीसी के उपचुनाव की प्रक्रिया सम्पन्न हो जाने की दशा में विजयी होने वाले उम्मीदवार से यशभद्र सिंह मोनू की पद पाने को लेकर बन सकती है नई कानूनी लड़ाई। फिलहाल यशभद्र सिंह के चाचा ऋषिभद्र सिंह को मिली जीत तो यशभद्र सिंह की ही लोग मानेंगे जीत,लेकिन यदि खिलाफ आया परिणाम तो फंस जाएंगे कई पेंच। फिलहाल यशभद्र सिंह को कोर्ट से राहत मिले या उनके चाचा को उपचुनाव में सफलता मिले तो वो दोनों तरफ से अपनी ही मानेंगे जीत,लेकिन दांव उल्टा पड़ा तो बदल सकती है राजनैतिक तस्वीर ऐसे में हाईकोर्ट से सजा पर रोक लगने के बाद भी आसान नहीं है यशभद्र सिंह मोनू के प्रमुख पद की राह। बहुत ही मोड़ वाले समय पर यशभद्र सिंह मोनू के पक्ष में हाईकोर्ट से राहत भरा फैसला आने के बाद भी कई दांव-पेंच फंसने की उम्मीद। देखना है इस लड़ाई में सपा समर्थित पूर्व विधायक परिवार की होती है जीत या सत्ता पक्ष के संरक्षण में किसी अन्य को मिलती है कुर्सी,जल्द ही सब कुछ सामने आना है शेष।

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text