
अतुल्य भारत चेतना
हर्षा बनोदे
छिंदवाड़ा। एकल अभियान के ग्राम उत्थान योजना के तत्वाधान में संच परासिया के विद्यालय ग्राम पौनार में अमेरिका से आए चौकसे परिवार और बिजोरिया परिवार परासिया के स्वर्गीय तुलसीराम चौकसे जी की दो नातनी है कुमारी माही बिजोरिया और मायरा बिजोरिया
मायरा और माही बिजोरिया: ग्रामीण भारत में शिक्षा को सशक्त करना मायरा बिजोरिया और माही बिजोरिया, दो उत्साही युवा वॉलिंटियर, ने ग्रामीण भारत में शिक्षा को ऊंचाइयों तक उठाने के लिए एक आदित्य यात्रा पर कदम रखा है। उनकी कला शिक्षा और समुदाय सेवा के प्रति उनका जुनून अनगिनत बच्चों के लिए एक आशा की किरण को जलाने में साहस दिलाया है।
कला कार्य शाला: रचनात्मकता को पोषण देना उनके हाल के प्रयास में, मायरा और माही ने पौनार गांव में एक एकल कार्यशाला आयोजित की। उन्होंने अपने 10 साल के कला अनुभव का सहारा लिया और छात्रों को विभिन्न माध्यो के माध्यम से मार्गदर्शन किया ऑयल पेस्टल, वाटर कलर्स, और एकी लिक्श।मायरा ने उच्च विस्तार की स्केचिंग और एकिरी लिक् तकनिको पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें टैक्स चार्स, प्रकाश ,और छायाए महत्वपूर्ण थी ।वही, माही ने तेल पेंटिंग और वाटर कलर कला की खोज की।
यह कार्य शाला सिर्फ रेखाओं और रंगों के बारे में नहीं थी, यह सपनों का एक तांबा था । उत्सुक और विशालाक्षी बच्चों ने अपनी रचनात्मक क्षमता की खोज की ।पौनार की देहाती छायाचित्र के बीच ,उन्होंने अपनी आकांक्षाओं को एक दृश्य टॉप के साथ किया। एकल अभियान के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्रीमान दिलीप बाड़ीबा जी ग्राम उत्थान के सह योजना प्रमुख राजकुमार बट्टी अंचल अभियान प्रमुख छिंदवाड़ा आचार्य भोलाराम साहू।