अतुल्य भारत चेतना
रईस अहमद
रुपईडीहा/बहराइच। अमन और खुशहाली की दुवाओं के साथ ईद उल अजहा मनाने की अपील की गई है। छोटी मस्जिद रुपईडीहा के मौलाना असरार अहमद ने जुमा के खुदबे में कहा कि ईदु उल अजहा में हर साहिबे हैसियत मुसलमान पर कुर्बानी वाजिब है। मौलाना ने कहा कि ईदगाह में ईद उल अजहा की नमाज 17 जून सोमवार को होगी। ईद-उल-अजहा के 3 दिनों 10, 11 और 12 जिलहिज्ज मुताबिक 17, 18 और 19 जून में कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं बल्कि खुदा की पसंदीदा इबादत है । यह हजरत इब्राहीम और हजरत इस्माईल की सुन्नत है । इन दिनों इस का बदल कोई दूसरा नेक अमल नहीं हो सकता ।

इसलिए, तमाम साहिबे निसाब मुसलमान कानूनी दायरे में रहते हुए कुर्बानी को जरूर अंजाम दें। मौलाना ने यह भी कहा,कि उन जानवरों की कुर्बानी करें जिन पर कोई कानूनी पाबंदी न हो। कुर्बानी की जगह पर साफ-सफाई का विशेष इंतजाम करें। खुली जगह, सड़क किनारे, गली और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी न करें । जानवरों की गंदगी रास्तों या सार्वजनिक स्थलों पर न फेंके, बल्कि नगर निगम की ओर से कूड़ेदान का प्रयोग करें। कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहाएं, यह धार्मिक तौर पर गलत और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है । उसे कच्ची जमीन में दफन करें, जिससे पेड़-पौधों के लिए खाद बने ।जानवर के गोश्त को अच्छी तरह पैक कर बांटें, गोश्त का एक तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दें । कुर्बानी करते वक्त न तो फोटो लें और न वीडियो बनाएं और न ही उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करें । जानवरों की खालें खुदा की राह में सदका करें और ईदुल अजहा की नमाज में सख्त गर्मी से राहत के लिए विशेष दुआएं करें । ये धार्मिक त्यौहार आपसी सद्भाव से मनाए और किसी भी धर्म और समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे ।
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