अतुल्य भारत चेतना
हाकम सिंह रघुवंशी
गंजबासौदा। श्रमदान दल गंजबासौदा द्वारा बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य नौलखी धाम के समीप स्थित नौलखी घाट पर विशेष स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे श्रमदान दल के सदस्यों ने नौलखी घाट के किनारे फैले हुए प्लास्टिक प्लास्टिक थैली, पॉलिथीन के साथ साथ आस्था, अंधविश्वास और रूढ़िवाद परंपराओं के चले नदी में डाली गई पूजन हवन सामग्री, पूजन और अंतियोष्टी के बाद बचे विभिन्न प्रकार के कपड़े आदि को भर कर एक स्थान पर एकत्रित किया ताकि उक्त कचरा नदी जल के संपर्क में आ कर जल को ओर अधिक प्रदूषित न करे।

केवल एक दिन चिंता व्यक्त करने से संभव नहीं पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन।
05 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस। वर्ष 1972 में पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी। ताकि जन मानस को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सकता इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रति वर्ष एक थीम भी निर्धारित की जाती हैं। यही कारण है कि पर्यावरण दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। आज वैश्विक स्तर पर सैकड़ो देश, लाखों की संख्या में लोग इसको सेलिब्रेट तो करते है पर महज एक दो दिन बाद लोगों के ह्रदय पटल से और सरकारों के एजेंडों से पर्यावरण और उससे जुड़े मुद्दे हवा हो जाते है । वर्षों से यह क्रम सतत जारी भी है। लेकिन क्या वर्ष में सिर्फ एक दिन पर्यावरण प्रदूषण की बात करने से, पर्यावरण के प्रति चिंता व्यक्त करने से, या पर्यावरण दिवस मनाने भर से पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाया जा सकता है । तो प्रतिउत्तर होगा कि एक दिन में तो कदापि संभव नहीं है क्यों कि पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए एक दीर्घकालीन एवम सतत प्रक्रिया की आवश्यकता है । साथ ही साथ हर एक व्यक्ति को पर्यावरण और प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और दायित्वों को समझने की जरूरत है । केवल सरकार के भरोसे बैठने से , सरकारों को कोसने से न तो पर्यावरण संरक्षण संभव है क्यों कि प्राकृतिक संसाधनों को दोहन करने वालों की संख्या अरबों में है और संरक्षण के लिए कार्य करने वाले लोग केवल दहाई में है ।
यही कारण है कि श्रमदान निरंतर तीन वर्षों से लोगों को नदी जल जंगल जमीन और जलवायु के प्रति जागरूक करने का प्रयास तो कर ही रहा है साथ ही साथ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी प्रयासरत है। अगर हम और आप भी श्रमदान के सदस्यों का साथ दे तो निश्चित ही कहानी कुछ ओर होगी ।
नौलखी घाट पर संपन्न हुए विशेष स्वच्छता कार्यक्रम में अजय गुप्ता,एवन सिंह विश्वकर्मा, आकाश जैन, दीपेश शर्मा, दिनेश चौरसिया,योगेंद्र माझी ,रुद्रांश सिंह, नीतेश रघुवंशी के अलावा बाल श्रम दानी रामराज विश्वकर्मा एवं अंशिका रघुवंशी शामिल हुए।
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