अतुल्य भारत चेतना
अशोक सोनी
कैसरगंज/बहराइच। दीवानी न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीप कांत मणि ने कैसरगंज इलाके के एक गांव में फरवरी के अंतिम सप्ताह में छह वर्षीय बेटी के अपहरण, रेप, हत्या मामले में दोषसिद्ध अपराधी को सजाए ए मौत की सजा सुनाई है। यही नही दोषसिद्ध अपराधी पर 1.10 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। जिसे अदा न किए जाने पर एक एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।

जुर्माना की पूरी धनराशि मृतका की मां को दिए जाने के आदेश दिए है।बताते चले कैसरगंज थाना क्षेत्र की एक गांव निवासी एक महिला 21 फरवरी 2024 को बाजार से दोपहर दो बजे घर आई तो उसकी अनुमानित छह वर्षीय बेटी नही थी। ग्रामीणों की मदद से उसकी तलाश शुरू हुई। बालिका के न मिलने पर थाने में 22 फरवरी को अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामले की तहकीकात उपनिरीक्षक बेंचू प्रसाद गौड़ को सौंपी गई। उन्होंने तहकीकात शुरू करते हुए कैसरगंज थाने के सलहुवा गांव निवासी 22 वर्षीय राजेश उर्फ लाला पुत्र पृथ्वी वर्मा को। हिरासत मे लेकर कड़ी पूंछताछ की। उसकी निशान देही पर लापता बालिका का शव बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु पूर्व 11 घातक चोट शरीर के विभिन्न हिस्सों पर पाई गई। जिस पर दर्ज प्राथमिकी मे रेप, हत्या, साक्ष्य छिपाने व पाक्सो एक्ट की बढ़ोत्तरी की गई। गिरफ्तार आरोपी को जेल भेजा गया । विवेचना उप निरीक्षक बेंचू प्रसाद गौड़ से एसएचओ राजनाथ सिंह को मिली।

उन्होंने विवेचना करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। जिस पर कोर्ट में इस मामले में 29 मार्च को कोर्ट ने संज्ञान लिया।कोर्ट ने 30 मार्च को आरोपी पर अपहरण, रेप, पाक्सो एक्ट, हत्या व साक्ष्य छिपाए जाने की अपराध तय किए गए। विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह, विशेष लोक अभियोजक पाक्सो संतोष कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी ने इससे इंकार कर विचारण की अपील की। जिस पर कोर्ट में विचारण शुरू हुआ। बेटी की आयु साढ़े चार वर्ष निकली। इस मामले को विवेचक एसएचओ राजनाथ सिंह, विशेष शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह, विशेष लोक अभियोजक पाक्सो संतोष कुमार सिंह की प्रभावी पैरवी से 20 कार्यदिवस में गवाह आदि के बयान रिकार्ड आदि कार्यवाई के पश्चात बचाव पक्ष व अभियोजन के तर्को को सुना।

आरोपी राजेश उर्फ लाला पर दोषसिद्ध पाए जाने पर पाक्सो व हत्या मे मृत्युदंड, 50 – 50 हजार का जुर्माना, अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास, अपहरण व साक्ष्य छिपाने के मामले मे पांच पांच वर्ष का सश्रम कारावास, पांच – पांच हजार जुर्माना, अदा न करने पर एक एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। जुर्माना की सम्पूर्ण धनराशि मृतका की संरक्षिका मां को दिए जाने के आदेश दिए गए है। मृत्युदंड की पुष्टि को मामले को हाईकोर्ट प्रेषित किए जाने का आदेश किया है।
subscribe our YouTube channel
