हरिवंश महाप्रभु का 551वां हितोत्सव बाद ग्राम में धूमधाम से मनाया
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। वंशी अवतार रसिकाचार्य गोस्वामी श्रीहित हरिवंश चन्द्र महाप्रभु का 551वां प्राकट्य उत्सव (हितोत्सव) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महाप्रभुजी की जन्मभूमि (श्रीजी मंदिर) बाद ग्राम में श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के सानिध्य में हितोत्सव मनाया गया। मोहिनी एकादशी को प्रात: मंदिर प्रांगण को दीप प्रज्वलित कर सजाया गया एवं वट वृक्ष पर प्रात: में पद गायन के साथ वंशी का पंचामृत से अभिषेक किया गया। पंचामृत अभिषेक के उपरांत समाजियों ने समाज गायन व बधाई गायन किया।

मनोज गोस्वामी ने हितोत्सव की बधाइयां भक्तों को लुटाई। देशभर के अलग-अलग राज्यों व विदेश से आए भक्तों ने महाप्रभुजी की जन्मभूमि में 551वें हितोत्सव के साक्षी बनकर अपने-आप को सौभाग्यशाली माना। हितोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीजी मंदिर के महंत दम्पत्ति शरण महाराज ने कहा कि महाप्रभुजी के प्राकट्य उत्सव के उपलक्ष्य में महाप्रभुजी का हितोत्सव चालीस दिवसीय मनाया जाता है, जिसमें एक महीने तक समाज गायन होती है व हितोत्सव मनाकर महाप्रभु जी की छठी उत्सव व दषोठन उत्सव के साथ महाप्रभुजी का चालीस दिवसीय महोत्सव संपन्न होता है।
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