अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुखर्जी नगर सेवा केंद्र द्वारा जिला जेल, विदिशा में रक्षाबंधन के पवित्र सूत्र बांधने का एक विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी और ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने उपस्थित लोगों को रक्षाबंधन के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व को समझाया, जिसने सभी के मन को गहराई से छुआ।

रक्षाबंधन: पवित्रता और सम्मान का प्रतीक
ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि रक्षाबंधन भारतवासियों के लिए एक पावन और पवित्र पर्व है। इस दिन हर बहन अपने भाई को राखी बांधती है, इस विश्वास के साथ कि उसका भाई जीवन भर उसकी और उसकी पवित्रता की रक्षा करेगा। उन्होंने बताया कि यह बंधन एक ऐसा पवित्र रिश्ता है, जो आपसी सम्मान और प्रेम को और गहरा करता है। इस बंधन के बाद कोई भी विकारी दृष्टि या वृत्ति उस रिश्ते को दूषित नहीं कर सकती।

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हालांकि, रेखा दीदी ने यह भी चिंता जताई कि कलयुग के इस दौर में कुछ लोग इस पवित्र बंधन का सम्मान नहीं करते। आज के समय में पांच विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार) अपने चरम पर हैं, जिसके कारण कुछ लोग भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को भी कलंकित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि आज रक्षाबंधन का महत्व केवल एक रस्म बनकर रह गया है, और इसकी वास्तविक भावना को पुनर्जनन की आवश्यकता है।

परमात्मा का संदेश: आत्मिक संबंध और पवित्रता
ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कलयुग के इस अंतिम समय में परमपिता परमात्मा अवतरित होकर हमें हमारा असली परिचय दे रहे हैं। उन्होंने समझाया कि हम शरीर नहीं, बल्कि आत्मा हैं—जो अजर, अमर, और अविनाशी है। शरीर नश्वर है, जो समय के साथ समाप्त हो जाता है, लेकिन आत्मा पुनर्जनम के माध्यम से नए शरीर को धारण करती है।
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रुक्मणी दीदी ने रक्षाबंधन के वास्तविक अर्थ पर प्रकाश डालते हुए कहा, “रक्षाबंधन का अर्थ है एक-दूसरे की पवित्रता और सम्मान की रक्षा करना। यह तभी संभव है जब हम आत्मिक स्तर पर आपस में भाई-बहन का संबंध जोड़ें। परमात्मा हमें सिखाते हैं कि हम सभी एक ही पिता के बच्चे हैं। जब हम इस आत्मिक स्मृति के साथ एक-दूसरे को आदर और प्रेम की दृष्टि से देखेंगे, तभी सच्चा रक्षाबंधन उत्सव मनाया जा सकेगा।”

आयोजन का विवरण
इस आयोजन में सभी उपस्थित लोगों को परमात्म रक्षा सूत्र बांधा गया और उनके मुँह मीठे कराए गए। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने ब्रह्माकुमारी दीदियों के विचारों को गहराई से सुना और आत्मिक संबंधों के महत्व को समझा। यह आयोजन न केवल रक्षाबंधन के पर्व को मनाने का अवसर था, बल्कि समाज में पवित्रता और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने का एक सशक्त प्रयास भी था।
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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम जिला जेल, विदिशा में एक प्रेरणादायक और आत्मिक अनुभव रहा। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी और रुक्मणी दीदी ने रक्षाबंधन के पवित्र बंधन को आत्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझाकर उपस्थित लोगों को जीवन में पवित्रता और सम्मान के महत्व को अपनाने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।