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Vidisha News; आजादी के 78वें वर्ष में भी बेलानारा में सड़क की बदहाली: ग्रामीणों का चक्का जाम, प्रशासन की अनदेखी पर आक्रोश

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अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी

नटेरन/विदिशा। आजादी के 78वें वर्ष में भी मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के नटेरन जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत घटवाई के अंतर्गत आने वाले ग्राम बेलानारा में विकास की रोशनी नहीं पहुंची है। विदिशा-अशोकनगर हाईवे पर घटवाई बस स्टॉप से ग्राम बेलानारा को जोड़ने वाली 1 किलोमीटर की सड़क बदहाल स्थिति में है, जिसके गड्ढों ने ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के लिए जोखिम पैदा कर दिया है। इस सड़क की मरम्मत के लिए ग्रामीण 2017 से मांग कर रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते कोई समाधान नहीं हुआ। आक्रोशित ग्रामीणों ने कई बार चक्का जाम जैसे आंदोलन किए, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। अतुल्य भारत चेतना ब्यूरो के ब्यूरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने इस मुद्दे को फिर से उठाया है, और शासन-प्रशासन से इस सड़क को तत्काल ठीक करने की मांग की है।

सड़क की बदहाल स्थिति

विदिशा-अशोकनगर हाईवे पर घटवाई बस स्टॉप से ग्राम बेलानारा को जोड़ने वाली 1 किलोमीटर की सड़क पूरी तरह जर्जर है। गहरे गड्ढों और उबड़-खाबड़ रास्ते के कारण यह सड़क ग्रामीणों, खासकर स्कूली बच्चों, के लिए जोखिम भरी बन गई है। ग्राम बेलानारा के आसपास कोई अन्य पक्की सड़क नहीं है, जिसके चलते यह रास्ता गांव का एकमात्र संपर्क मार्ग है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के मौसम में यह सड़क कीचड़ और पानी से भर जाती है, जिससे आवागमन और भी मुश्किल हो जाता है।

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ग्राम बेलानारा के निवासी राम सिंह ने कहा, “यह सड़क 2017 से खराब है। हमने कई बार ग्राम पंचायत के सरपंच और जिला प्रशासन को शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बारिश में बच्चे और बुजुर्ग इस रास्ते पर गिरकर चोटिल हो जाते हैं।” ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क की बदहाली के कारण गांव में विकास की अन्य योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

स्कूली बच्चों की परेशानी

ग्राम बेलानारा के लगभग 30 बच्चे रोजाना 3 किलोमीटर पैदल चलकर घटवाई बस स्टॉप तक पहुंचते हैं, जहां से वे सीएम राइज स्कूल, नटेरन में पढ़ने के लिए बस पकड़ते हैं। 9वीं कक्षा के छात्र कोक सिंह जाटव ने बताया, “हम रोज इस खराब सड़क से होकर बस स्टॉप जाते हैं। गड्ढों के कारण कई बार हम गिर जाते हैं, और बारिश में तो हालत और खराब हो जाती है। अगर बेलानारा तक बस आ जाए या सड़क ठीक हो जाए, तो हम समय पर स्कूल पहुंच सकेंगे।”

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छात्रों ने यह भी बताया कि खराब सड़क के कारण स्कूल जाने में देरी होती है, और कई बार वे कक्षाएं मिस कर देते हैं। बच्चों की मांग है कि ग्राम बेलानारा तक सीएम राइज स्कूल की बस सेवा शुरू की जाए, ताकि उन्हें इस जोखिम भरे रास्ते से न गुजरना पड़े।

ग्रामीणों का आंदोलन और चक्का जाम

ग्राम बेलानारा के निवासियों ने इस सड़क की मरम्मत के लिए 2017 से लगातार मांग की है। 2023 तक कई बार चक्का जाम जैसे आंदोलन किए गए, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी शिकायतों को बार-बार नजरअंदाज किया गया, जिसके कारण उनका शासन-प्रशासन पर भरोसा उठ गया है।

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हाकम सिंह रघुवंशी, अतुल्य भारत चेतना ब्यूरो चीफ, ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। उन्होंने कहा, “आजादी के 78वें वर्ष में भी ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची हैं। यह सड़क न केवल बेलानारा के लोगों, बल्कि आसपास के गांवों के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रशासन की अनदेखी अस्वीकार्य है।” ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो वे और बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

पंचायती राज और ग्रामीण विकास की स्थिति

मध्य प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत के संविधान के 73वें संशोधन के तहत त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, और जिला पंचायत शामिल हैं। विदिशा जिले में भी ग्राम पंचायतों को ग्रामीण विकास के लिए जिम्मेदार बनाया गया है, लेकिन बेलानारा जैसे गांवों में सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी इस व्यवस्था की नाकामी को दर्शाती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत घटवाई के सरपंच और जनपद पंचायत नटेरन ने उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया।

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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और उन्नयन किया जा रहा है, लेकिन बेलानारा जैसे छोटे गांव अभी तक इस योजना के लाभ से वंचित हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि उनकी सड़क को पीएमजीएसवाई के तहत शामिल किया जाए, ताकि इसे पक्का और सुरक्षित बनाया जा सके।

सामाजिक और शैक्षिक प्रभाव

बेलानारा की इस खराब सड़क का सबसे ज्यादा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। सीएम राइज स्कूल, नटेरन में पढ़ने वाले बच्चे रोजाना जोखिम भरे रास्ते से गुजरते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में है। इसके अलावा, खराब सड़क के कारण गांव में स्वास्थ्य सेवाएं, आपातकालीन सेवाएं, और बाजार तक पहुंच भी बाधित हो रही है।

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स्थानीय निवासी श्यामलाल ने कहा, “हमारा गांव विकास से कोसों दूर है। न सड़क है, न कोई अन्य सुविधा। हमारी मांग है कि कम से कम यह 1 किलोमीटर की सड़क तो ठीक की जाए, ताकि हमारे बच्चे सुरक्षित स्कूल जा सकें और गांव का संपर्क मुख्य सड़क से हो सके।”

प्रशासन की अनदेखी और भविष्य की मांगें

ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत पर उदासीनता का आरोप लगाया है। कई बार लिखित और मौखिक शिकायतों के बावजूद सड़क की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने मांग की है कि:

  1. तत्काल मरम्मत: 1 किलोमीटर की सड़क को तत्काल ठीक किया जाए और इसे पक्का बनाया जाए।
  2. बस सेवा: सीएम राइज स्कूल की बस को बेलानारा तक बढ़ाया जाए, ताकि बच्चों को पैदल न चलना पड़े।
  3. पीएमजीएसवाई में शामिल: सड़क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शामिल किया जाए।
  4. जांच और जवाबदेही: ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत की अनदेखी की जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

हाकम सिंह रघुवंशी ने कहा, “हमारी मांगें जायज हैं। अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो हम चक्का जाम और अन्य आंदोलनों को और तेज करेंगे।”

समापन

आजादी के 78वें वर्ष में भी ग्राम बेलानारा जैसे क्षेत्रों में सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी शासन-प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है। विदिशा जिले के नटेरन जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत घटवाई में 1 किलोमीटर की जर्जर सड़क ने ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के लिए जोखिम पैदा कर दिया है। 2017 से चक्का जाम और शिकायतों के बावजूद कोई समाधान न होने से ग्रामीणों का शासन पर भरोसा उठ गया है। अतुल्य भारत चेतना ब्यूरो के नेतृत्व में हाकम सिंह रघुवंशी और ग्रामीणों का यह आंदोलन सड़क सुधार और ग्रामीण विकास की मांग को जोर-शोर से उठा रहा है। यह आयोजन प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि बेलानारा जैसे गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

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