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अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। पर्यावरण मंच भारतीय मजदूर संघ द्वारा 6 जून से 12 जून 2025 तक आयोजित पर्यावरण सप्ताह के अंतर्गत छिंदवाड़ा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। जिला समिति के उपाध्यक्ष श्री निरंजन सिंह राजपूत के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष को 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर समस्या और स्थानीय पर्यावरणीय मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। इस अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश श्रीवास्तव, डॉ. महेंद्र मौर्य, रमेश शर्मा, हिंदुस्तान लीवर के महामंत्री उत्तम समर्थ, रवि मालवी, राजेश यादव, और रेलवे हम्माल यूनियन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

पर्यावरण प्रदूषण: वैश्विक और स्थानीय संकट
ज्ञापन में पर्यावरण प्रदूषण को वैश्विक और स्थानीय स्तर पर एक गंभीर चुनौती के रूप में रेखांकित किया गया। निरंजन सिंह राजपूत ने कहा, “प्रदूषण के कारण मानव स्वास्थ्य, जलवायु, और प्राकृतिक संसाधनों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। छिंदवाड़ा में अंधाधुंध वृक्ष कटाई, जल प्रदूषण, और भू-जल स्तर में कमी चिंताजनक है।” उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष तापमान में वृद्धि और पानी की कमी जैसी समस्याएं बढ़ी हैं, जो पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती हैं।
14 सूत्रीय मांगें
पर्यावरण मंच ने जिला प्रशासन से सभी प्रकार के प्रदूषण पर तत्काल कार्रवाई करने और निम्नलिखित मांगों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया:
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सामान्य मांगें:
- वायु प्रदूषण नियंत्रण: वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं और प्रमुख स्थानों पर प्रदूषण स्तर दर्शाने वाले इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड स्थापित किए जाएं।
- जल प्रदूषण रोकथाम: नदियों और नालों के पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- वृक्ष कटाई पर रोक: अनावश्यक वृक्ष कटाई पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाए।
- सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक: एकल-उपयोग प्लास्टिक सामग्री की बिक्री पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।
- जल संरक्षण: सरकारी और निजी भवनों में रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य किया जाए।
- कचरा प्रबंधन: शहरों से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन के लिए नियमानुसार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- प्रदूषणकारी उद्योगों पर कार्रवाई: अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
- ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण: ध्वनि प्रदूषण से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं।
स्थानीय समस्याएं:
- अवैध ईट भट्टों पर कार्रवाई: छिंदवाड़ा में अवैध रूप से संचालित ईट भट्टों पर तत्काल रोक लगाई जाए और संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
- पेंच क्षेत्र में जल प्रदूषण: नेहरिया भूमिगत खदान से दूषित पानी गुन्हर नदी में और छिंदा खुली खदान का पानी पेंच नदी में बहाया जा रहा है, जिससे जलचरों का जीवन खतरे में है। इस पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
- पेयजल की गुणवत्ता: खदानों से जल प्रदूषण के कारण पेयजल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इस समस्या का समाधान किया जाए।
- उरधन कोल स्टॉक में आग: पेंच क्षेत्र के उरधन कोल स्टॉक में पिछले डेढ़ महीने से लगी आग के धुएं से वायु प्रदूषण हो रहा है। इसे तत्काल नियंत्रित किया जाए।
- वृक्षारोपण का संरक्षण: कुसमेली मंडी परिसर में पहले किए गए वृक्षारोपण के अधिकांश पेड़ मृतप्राय हैं। पुनः वृक्षारोपण कर जल प्रबंधन के साथ इनका संरक्षण किया जाए।
- अवैध निर्माण पर रोक: शहरी सीमा से सटी छोटी पहाड़ियों और हरित क्षेत्रों में हो रहे अवैध झुग्गी-झोपड़ी निर्माण पर कठोर कार्रवाई की जाए।
पर्यावरण सप्ताह का महत्व
पर्यावरण सप्ताह (6-12 जून 2025) का आयोजन पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया। राकेश श्रीवास्तव ने कहा, “भारतीय मजदूर संघ पर्यावरण संरक्षण को सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी मानता है। यह ज्ञापन32 छिंदवाड़ा में पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए एक कदम है।” इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हटाना” पर केंद्रित थी, जो सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और कचरा प्रबंधन पर जोर देती है।
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सामुदायिक सहयोग की अपील
निरंजन सिंह राजपूत ने स्थानीय निवासियों से वृक्षारोपण, जल संरक्षण, और कचरा प्रबंधन जैसे प्रयासों में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा, “पर्यावरण हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। जिला प्रशासन और समुदाय के सहयोग से ही हम छिंदवाड़ा को स्वच्छ और हरित बना सकते हैं।”

अपेक्षित प्रभाव
यह ज्ञापन जिला प्रशासन को पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति तत्काल कार्रवाई के लिए प्रेरित करने का प्रयास है। संगठन की मांग है कि प्रशासन इन बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करे और प्रभावी कदम उठाए। यह आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि छिंदवाड़ा में स्वच्छ और संतुलित पर्यावरण के लिए सामुदायिक एकजुटता को भी प्रोत्साहित करता है।
पर्यावरण मंच भारतीय मजदूर संघ का यह प्रयास छिंदवाड़ा में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह स्थानीय समस्याओं के समाधान के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देगा।