अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। जय श्री बालाजी इंटरप्राइजेज के तत्वावधान में किसान सेवा केंद्र द्वारा चांद में आयोजित एक सेमिनार में किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं, और प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम कलेक्टर की मंशा के अनुरूप कृषि विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें किसानों के साथ-साथ महिलाओं के लिए घरेलू रोजगार के अवसरों पर भी चर्चा हुई।
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सेमिनार का उद्देश्य
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, प्राकृतिक खेती, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, और विभिन्न सरकारी सब्सिडी योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था। इस पहल का लक्ष्य किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि करना तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था। कार्यक्रम में भोपाल से आए विशेषज्ञों, स्थानीय कृषि अधिकारियों, और किसानों ने सक्रिय भागीदारी की।

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प्रमुख वक्ताओं का योगदान
- वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, उमेश पाटील (चौरई) ने कहा, “हमारी प्राथमिकता किसानों को नवीनतम तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराना है। हम विशेषज्ञों के सहयोग से हर संभव मदद प्रदान करने को प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इन अवसरों का लाभ उठाकर अपनी खेती को और प्रभावी बनाएं।
- कृषि अनुसंधान केंद्र, छिंदवाड़ा से संत कुमार शर्मा ने मौसम के प्रभाव और उससे निपटने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला। उनकी एक पहल ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जब उन्होंने अपना मोबाइल नंबर साझा करते हुए कहा, “किसान किसी भी समय मुझसे संपर्क कर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।” इस कदम की किसानों ने खूब सराहना की।
- भोपाल से आए जितेंद्र कुमार सिंगौर (नेहरू युवा केंद्र) ने प्राकृतिक खेती और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लाभों पर विस्तार से बताया। उन्होंने सरकारी योजनाओं के तहत उपलब्ध सब्सिडी और केसीसी की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया।
मंच संचालन और उपस्थिति
कार्यक्रम का मंच संचालन धनंजय बाढ़समुद्र जोशी ने किया, जिनके कुशल संचालन की सभी ने तारीफ की। सेमिनार में स्थानीय सरपंच, पार्षद, और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। उपस्थित किसानों ने कृषि अधिकारियों और विशेषज्ञों की बातों को ध्यान से सुना और तालियों के साथ उनका आभार व्यक्त किया।
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सेमिनार के प्रमुख बिंदु
- उन्नत कृषि तकनीक: किसानों को आधुनिक बीज, खाद, और सिंचाई तकनीकों की जानकारी दी गई।
- प्राकृतिक खेती: रासायनिक खेती के विकल्प के रूप में प्राकृतिक खेती के लाभ और तकनीकों पर जोर दिया गया।
- सरकारी योजनाएं: किसान क्रेडिट कार्ड, सब्सिडी योजनाएं, और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के अवसरों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
- महिलाओं के लिए रोजगार: ग्रामीण महिलाओं के लिए घरेलू रोजगार के अवसरों पर चर्चा हुई, जिससे उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।
आयोजकों का योगदान
जय श्री बालाजी इंटरप्राइजेज और किसान सेवा केंद्र ने इस सेमिनार को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजकों ने कहा, “हमारा उद्देश्य जन सेवा हिताय और किसानों के कल्याण के लिए कार्य करना है। इस तरह के आयोजन किसानों को नई दिशा प्रदान करते हैं।” कलेक्टर के मार्गदर्शन में कृषि विभाग और सहयोगी संस्थाओं के इस प्रयास को सभी ने सराहा।

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किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों ने इस सेमिनार को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायी बताया। उन्होंने विशेष रूप से संत कुमार शर्मा की तत्परता और अधिकारियों की सरल भाषा में दी गई जानकारी की प्रशंसा की। कई किसानों ने कहा कि इस प्रशिक्षण से उनकी खेती की तकनीकों में सुधार होगा और वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित हुए हैं।