अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर। धार्मिक नगरी रतनपुर के महामाया मंदिर परिसर से सटे कलपेसरा तालाब में एक बार फिर जाल में फंसे चार मृत कछुए मिलने से सनसनी फैल गई है। अभी 23 कछुओं की मौत की जांच की आंच अभी ठंडी भी नही हुई है एक बार फिर जाल मे मृत कछुवा मिला है मगर यह तालाब नगर पालिका के अधीन आता है और यहां पर नगर पालिका द्वारा नौका विहार की सुविधा भी दी जाती है। अभी कुछ समय पहले ही मंदिर ट्रस्ट के अधीन एक कुंड से 23 मृत कछुए बरामद किए गए थे, जिसमे मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है क्या इसमें भी तलाब संचालन करने वालो को आरोपी बनाया जायेगा महामाया कुंड के पास मिले 23 मृत कछुवो की जांच अभी चल ही रही है । अब फिर से मृत कछुओं का मिलना इस पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर कछुओं के शव और जाल को जब्त कर लिया है। और पोस्टमार्टम केलिए कानन पेंडारी भेजा गया है। विभाग अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि तालाब में जाल कौन बिछा रहा है और क्या यह किसी अवैध गतिविधि से जुड़ा हुआ है। पूर्व में मंदिर ट्रस्ट के कुंड से मृत कछुए मिलने पर ट्रस्टियों को आरोपी बनाया गया है। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि नगर पालिका की जिम्मेदारी वाले तालाब में अगर इसी तरह जाल में कछुए मिल रहे हैं तो इसमें जिम्मेदारी किसकी होगी? वन विभाग ने इस बार कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं और जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे है। अब देखना होगा कि क्या इस बार भी दोष तय होंगे या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
गौरतलब है की ट्रस्ट द्वारा बिलासपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बोला गया था कि महामाया ट्रस्ट को फंसाने की साजिश की जा रही है आज फिर जाल में कछुआ मिलने से यह स्पष्ट होते दिख रहा है कि वाकई ट्रस्ट को फंसाने की साजिश तो नहीं है, क्योंकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रतनपुर में जो 23 कछुआ पहले बरामद हुआ था उसका जिम्मेदार कौन है? शक और सीसी केमरा के फुटेज के आधार पर ट्रस्टी और अन्य सहयोगी के साथ दो मछुआरों के विरुद्ध वन विभाग के द्वारा कार्यवाही की गई है ।वन विभाग की जांच पर अब सवाल खड़े हो रहे है और रतनपुरवासी विभाग की कार्यवाही से नाराज पूरे मामले को लेकर आंदोलन करने की बात कहते नजर आ रहे है।