अतुल्य भारत चेतना
अखिल सूर्यवंशी
छिंदवाड़ा। भीम आर्मी भारत एकता मिशन और सुजाता महिला संघ ने प्रदीप जुलमे के नेतृत्व में बिहार राज्य में स्थित बोधगया महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन।



सुजाता महिला संघ के सचिव ममता सहारे और भीम आर्मी के प्रदीप जुलमे ने पत्रकारों को जानकारी दी कि बोधगया महाबोधि विहार यह बौद्धों की विरासत है जो कई सालों से असामाजिक तत्वों के हाथों कब्जा किया गया है , सन 1949 महाबोधि विहार एक्ट बिहार द्वारा इस बिहार समिति के 5 सदस्य हिंदू वैदिक और 4 सदस्य बौद्ध पारंपरिक लिए गए थे ,लेकिन हिन्दू सदस्य का बहुमत होने के कारण यहां पर हिंदू धर्म का वर्चस्व की निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है,इसी के सम्बन्ध में महाबोधि विहार मुक्त करने हेतु विश्व के करीब एक लाख भंते बोधगया में अन्न त्याग भूख हड़ताल पर पिछले 14 दिनों से बैठे है,उनकी मांग है कि जैसे सभी धार्मिक स्थल उनके उनके समाज के समितियों के पास होते है वैसे ही फिर बौद्ध धार्मिक स्थल बौद्ध समाज के पास होने चाहिए लेकिन यह बौद्ध स्थल होते हुए भी हिंदूओ के पास है जिस पर ब्राह्मण कब्जा किए हुए है। वहां हो रहे भूख हड़तालियों की यह मांग है कि यह 1949 एक्ट को रद्द कर ये महाबोधि विहार बौद्धों को सौंपा जाए,इस मांग का सुजाता महिला संघ और भीम आर्मी भारत एकता मिशन छिंदवाड़ा समर्थन करता है इसलिए राष्ट्रपति और राजपाल के ज्ञापन सौंपा गया।
सुजाता महिला संघ की सुनीता निकोसे ने आगे कहा कि अगर महाबोधि विहार को मुक्त नहीं किया गया तो पूरे देश और प्रदेश के साथ साथ छिंदवाड़ा जिले में भी आने वाले समय पर बड़ी संख्या की तादाद में उग्र आंदोलन कर सड़के जाम की जाएगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।
इस वक्त डॉ बाबा साहब अम्बेडकर जी को मालार्पण कर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन दिया गया ।
इसमें हजारों बौद्ध बंधु शामिल हुए,जिसमें प्रदीप जुलमे,ममता सहारे,सुनीता निकोसे, चंद्रकला बेले,शोभा बागड़े,सरोज गोलाइत,प्रेरणा पगारे, नीलिमा गोडबोले,वंदना सोमकुवर,मीनाक्षी बागड़े,मनीषा तायडे,सीता सोमकुंवर, सीमा पाटिल,लीला नारनवारे,वैशाली सहारे, सरिता निकोसे, सुनीता बांसोड़,विनीत पाटिल,गोलू रोड़े,सोनू पाटिल,उत्तम मंडरा,पंकज इबवनाती ,जितेंद्र कोचे,सदाशिव सोनटक्के, देवेंद्र खांडेकर ,बालकदास सोमकुंवर,दीपक बागड़े, इस आर बेले, बी आर सोमकुंवर,नामदेव सोमकुंवर उपस्थित रहे।