अतुल्य भारत चेतना
संवाददाता
महाराजगंज। भारत नेपाल सीमा पर कड़ाके की ठंढ के मद्देनजर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतरराष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा लावारिस दिव्यांगजनों के बीच कंबल का वितरण किया गया। संस्था के संरक्षक फौजी विद्यासागर राणा द्वारा उपलब्ध कराए गए कंबलों को वितरित करते हुए संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने कहा कि ऐसे लोगों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है, जो सड़कों के किनारे लावारिस दिव्यांग, विक्षिप्त और मानसिक बीमार के रूप में वर्षों से रह रहे हैं। 14 नवंबर 2012 से सुबह शाम दरिद्र नारायण भोज के माध्यम से ऐसे लोगों को हम भोजन भी प्रदान करते हैं। औरंगाबाद में भी ऐसे लोगों को सेवा दी जा रही है। बताते चलें कि फौजी विद्यासागर राणा स्वरांजलि सेवा संस्थान को निरंतर सहयोग प्रदान करते हैं। कंबल वितरण करते हुए संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजु देवी ने बताया कि स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा झारखंड ,उत्तर प्रदेश एवं सीमावर्ती मित्र देश नेपाल में भी समय-समय पर विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सड़कों के किनारे, पेड़ के नीचे जीवन गुजारने वाले लावारिस दिव्यांग जनों को को हर दिन सुबह शाम भोजन दिया जाता है।

सोशल प्लेटफॉर्म के सहयोग से ऐसे लोगों को उनके परिजनों से मिलवाने की भी कोशिश की जाती है। फौजी विद्यासागर राणा ने दूरभाष पर बताया कि यह सबसे बड़ा पुण्य का काम है । ऐसे लोगों में विशेष रूप से ईश्वर का वास होता है। महिला समाजसेवी स्वरांजलि सैगम ने बताया कि मानवीय संवेदनाओं को समझना ही इंसानियत की पहचान है। आगे भी मैं स्वरांजलि सेवा संस्थान को सहयोग प्रदान करती रहूंगी। संस्था के संरक्षक राजेश गुप्ता ने कहा कि इस संस्था का काम सबसे अलग है। लावारिस दिव्यांगजनों के प्रति दया का भाव ,यथार्थ की धरातल पर इसे ही समाज सेवा कहते हैं। प्रथम चरण के कंबल वितरण कार्यक्रम में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा दिव्यांगजन लाभान्वित हुए। इस मौके पर समाजसेवो संगीत आनंद, अंजू देवी, निर्माता एचेल थारू की भूमिका सराहनीय रही।