निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने प्रेम और भक्ति पर दिया संदेश
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा महाराज ने मथुरा में भक्तों को आशीर्वचन में ब्रह्मज्ञान और प्यार को बढ़ाने की सीख देते हुए बताया कि हर एक जीव में परमात्मा का वास है, हम सभी में एक ही परमात्मा की ज्योति समाहित है। परमात्मा एक है, तो सभी धर्म भी एक ही हैं। परमात्मा ने सबको एक जैसा मानव ही बनाया है इसलिए कोई जाति ऊंची या नीची नहीं हो सकती है, हमें किसी भी जाति-धर्म में भेद-भाव भी नही करना चाहिए। वृंदावन का सुनरख रोड़ स्थित सनसिटी अनन्तम मैदान सतगुरु और भक्तों के मिलन का साक्षी बना। जहां जाति-धर्म, अमीर-गरीब के भेद से परे हर आम-ओ-खास एक ही मंच पर एकत्रित थे। मौका था निरंकारी संत-समागम का। जहां राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, मथुरा और आगरा सहित उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों से पधारे हुए हजारों की संख्या में एकत्रित हुए भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला। मीडिया सहायक किशोर स्वर्ण ने बताया कि सभी में सामाजिक विभिन्नता के बावजुद एकरसता की झलक दिख रही थी। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित के दीदार हेतु हर भक्त के चेहरे पर उमंग, उत्साह और उल्लास स्पष्ट दिखाई दे रहा था। सतगुरु का आशीर्वचन पाकर भक्त निहाल हो गए हैं।



सतगुरु माता ने कहा कि मन का जुड़ाव परमात्मा के साथ बना रहे। आत्मा से परमात्मा का सफ़र भक्ति और प्यार भरा हो। प्रत्येक मानव को परमात्मा ने जितनी स्वांस दी हैं, वह क्षणभंगुर वस्तुओं के लिए नहीं अपितु परमात्मा के सुमिरण और भक्ति के लिए मिली हैं। इसीलिए परमात्मा के ध्यान – सुमिरण और सत्संग के लिए बहाने नहीं होने चाहिए। इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति मीराबाई की प्रेमाभक्ति रही, वैसा ही प्रेम हमें भी अपने जीवन में अपनाना है। जीवन के हर पल में प्रेम आ जाए, हम केवल प्यार की बात ही न करें, बल्कि स्वयं प्रेम बन जाएं। सतगुरु माता ने कहा कि संसार में आए हैं तो रिश्ते-नाते और परिवार त्यागना नहीं है। अपितु परमात्मा के संग रहते हुए भी हमें रिश्ते-नाते निभाने हैं और परिवार की जिम्मेदारियों का कर्तव्य पालन भी करना है। परमात्मा के दर्शन को टालना नहीं है, क्योंकि परमात्मा हर मानव की जरूरत है। इसलिए मानव परमात्मा का साक्षात्कार आज ही कर लें। परमात्मा इतना करीब है, जिसे ब्रह्मज्ञान द्वारा पल में जाना जा सकता है। ब्रह्मज्ञान के बाद ही हम मुक्ति के हकदार बन सकते हैं। मथुरा के जोनल इंचार्ज हरविंदर कुमार अरोड़ा ने सतगुरु माता एवं निरंकारी राजपिता के दिव्य आगमन हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त सभी संतों एवं प्रशासन के सकारात्मक सहयोग हेतु भी धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि हर रविवार को मथुरा के नवादा स्थित निरंकारी भवन पर सुबह 10 बजे से सत्संग होता है। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज से पूर्व आध्यात्मिक सत्संग में विभिन्न स्थानों से आये भक्तजनों ने गीत, भजन विचारों के माध्यम से प्रभु साक्षात्कार पर बल दिया। इसमें कुछ कविताएं भी प्रस्तुत की गईं। समागम के मुख्य मंच के ऊपर लिखा ” ज्ञान प्रभु का पाने से ही मन निर्मल हो जायेगा, कहे हरदेव बसेगा ईश्वर मन मंदिर बन पायेगा ” संदेश सबको प्रभावित कर रहा था। सत्संग के दौरान निरंकारी पुस्तकें और निरंकारी सद्गुरु के कलैंडर लेने में भक्तों का काफी उत्साह देखा गया। निरंकारी सेवादल सदस्यों ने यातायात, पार्किंग, लंगर, प्याऊ, शौचालय आदि विभिन्न गतिविधियों में समर्पित भाव से सेवा की। वहीं सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस हॉस्पिटल के सहयोग से फ्री डिस्पेंसरी भी लगाई गई थी, जिसमें 800 जनों को निशुल्क चिकित्सा मुहैया कराई गई, वहीं एक केंटीन में नास्ते की सुविधा भी रही।