बटाईदार व किराये पर खेती करने वाले कृषक भी होंगे लाभान्वित
रबी मौसम में हरी मटर की फसल है अधिसूचित
अतुल्य भारत चेतना
सूरज कुमार तिवारी
बहराइच। जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी ने बताया कि पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत रबी मौसम में हरी मटर की फसल अधिसूचित है। रबी मौसम 2024-25 में अधिसूचित हरी मटर फसल हेतु प्रामियम की दर 05 प्रतिशत, प्रीमियम की धनराशि प्रति बीघा रू. 283.50, प्रति एकड़ रू. 1417.50 तथा प्रति हेक्टेयर रू. 3500.00 निर्धारित है। योजनान्तर्गत रबी 2024-25 मौसम में हरी मटर उगाने वाले सभी कृषक (बटाईदार व किराये पर खेती करने वाले कृषकों सहित) रबी 2024 मौसम में दिनांक 31 दिसम्बर, 2024 तक योजना में सम्मिलित होकर फसल बीमा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। चौधरी ने बताया कि जनपद में अधिसूचित फसलों को उगाने वाले समस्त कृषक गैर ऋणी कृषक के रूप में स्वैच्छिक आधार पर अपने आधार एवं खतौनी तथा बैंक के विवरण तथा मोबाइल नम्बर के साथ निकटतम बैंक शाखा/बीमा कम्पनी एजेण्ट/जन सेवा केन्द्र/सीधे फसल बीमा पोर्टल पर आनलाइन बीमा करा सकेंगे। गैर ऋणी कृषकों को बीमा कराते समय अपने आधार के विवरण के साथ-साथ अपने बैंक खाते का विवरण एवं मोबाइल नम्बर तथा उगाई गयी अधिसूचित फसल का विवरण भी उपलब्ध कराना होगा। फसल बीमा योजना में सम्मिलित होने वाले समस्त गैर ऋणी कृषकों हेतु आधार अनिवार्य होगा।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक/ग्रामीण/सहकारी बैंक/पैक्स द्वारा अधिसूचित फसल के सापेक्ष मौसमी कृषि प्रचालन ऋण/केसीसी ऋण की स्वीकृत सीमा को सम्बन्धित संस्था द्वारा कवर किया जायेगा अर्थात ऋणी कृषकों का बीमा समबन्धित बैंक द्वारा किया जायेगा। ऋणी किसानों को अपने बैंक शाखा स्तर पर बीमा कराने की अन्तिम तिथि के 07 दिन पहले अर्थात 24 दिसम्बर 2024 तक योजनान्तर्गत प्रतिभाग नहीं करने की दशा में केसीसी ऋण वाले बैंक शाखा को लिखित रूप में अवगत कराना पड़ेगा अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित बैंक द्वारा ऋणी कृषक का बीमा स्वतः कर दिया जायेगा।
चौधरी ने बताया कि शासन द्वारा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके परिपालन में रबी 2024-25 मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। व्यापक आपदाओं तथा स्थानिक आपदाओं से फसलों की क्षति की स्थिति में फसलों की हुई क्षति की क्षतिपूर्ति बीमा कम्पनी द्वारा किसानों का की जाती है।