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विद्या भारती के विद्यालय केवल शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और संस्कारों की समृद्ध धरोहर को सजोने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के माध्यम हैं: राम सिंह

By News Desk Nov 25, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
राजकुमार अग्रहरि

सिद्धार्थ नगर। विद्या भारती के विद्यालय केवल शिक्षा के केंद्र नहीं हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और संस्कारों की समृद्ध धरोहर को संजोने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम भी हैं। यहाँ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। उक्त बातें शिशु शिक्षा समिति गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक श्रीराम सिंह ने कही। वह रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज तेतरी बाजार के तीन दिवसीय प्रान्तीय निरीक्षण के दौरान वंदना सभा में संबोधित कर रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि आधुनिक युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों और अनुशासन का होना अति आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों से भी आग्रह करते हुए कहा कि छात्र केवल परीक्षाओं के लिए तैयार न करें, बल्कि उनमें जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना विकसित करें। उन्होंने वंदना सभा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों में आध्यात्मिकता, राष्ट्रप्रेम और अनुशासन के भाव जागृत करता है।
, उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे नियमित अध्ययन करें, समय का सदुपयोग करें और हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करें।

निरीक्षण का उद्देश्य
इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यालय में शैक्षिक और गैर-शैक्षिक गतिविधियों की प्रगति का आकलन करना, छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद स्थापित करना और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक सुझाव देना है। उक्त अवसर पर शिशु शिक्षा समिति गोरक्ष प्रांत के मंत्री रामनाथ गुप्ता, निरीक्षण टोली के प्रमुख रामबाग बस्ती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह, अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेश कुमार श्रीवास्तव समेत समस्त आचार्य बंधुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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