फिसलनी शिला पर हंस-हंसकर फिसले यात्री
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। अखिल भारतीय श्रीपंच राधावल्लभीय निर्मोही अखाड़ा (श्रीहित रासमण्डल) वृन्दावन धाम के श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज के पावन सानिध्य में चल रही अष्ट दिवसीय ब्रज चौरासी कोस दर्शन यात्रा ब्रज मंडल के प्रमुख मंदिरों में दर्शन करते हुए शुक्रवार के दिन ब्रज चौरासी कोस अंतर्गत योगमाया से प्रकट हुए चार धाम दर्शन करने पहुँची। यात्रा का शुभारंभ सोमवार के दिन यमुना पूजन एवं चुनरी मनोरथ के साथ हुआ।

यात्रियों ने रावल, गोकुल, रमणरेती, ब्रह्माण्ड घाट, दाऊजी महाराज, भाण्डीरवन, वंशीवट, राधारानी मानसरोवर, बेलवन, द्वारिकाधीश, विश्राम घाट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ध्रुव टीला, हरिवंश महाप्रभु की जन्मभूमि बाद ग्राम, तालवन तारसी, राधाकुंड-श्यामकुंड, नारद कुण्ड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, दानघाटी, पूँछरी का लौठा, जतीपुरा, चन्द्र सरोवर, गुलाब कुण्ड सहित गोवर्धन धाम के प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर यात्रियों ने शुक्रवार के दिन ब्रज चौरासी कोस के डीग क्षेत्र में आदि बद्रीनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री, लक्ष्मण झूला, हरि की पैड़ी, केदारनाथ भोजनथाली, फिसलनी शिला, कामिनेश्वर महादेव, विमल बिहारी महाराज, विमल कुण्ड, नागाबाबा की कदम्बखंडी, कीर्ति मंदिर आदि स्थलों पर दर्शन किए। यात्रियों ने फिसलनी शिला पर फिसलकर पचपन की उम्र में बचपन का याद कर लिया।