अतुल्य भारत चेतना
पतित यादव
छुईहा/बागबाहरा। दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। अन्नकूट/गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई। यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है। इस दिन मंदिरों में विविध प्रकार की खाद्य सामग्रियों से भगवान को भोग लगाया जाता है। इस दिन बलि पूजा, मार्गपाली आदि उत्सव भी मनाए जाते हैं। इस दिन गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराके धूप-चंदन तथा फूल माला पहनाकर उनका पूजन किया जाता है। इस दिन गौमाता को मिठाई खिलाकर उसकी आरती उतारते हैं तथा प्रदक्षिणा भी की जाती है।इस दिन गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर उसके समीप विराजमान श्रीकृष्ण के सम्मुख गाय तथा ग्वाल-बालों की रोली, चावल, फूल, जल, मौली, दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा और परिक्रमा की जाती है। जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर इन्द्र का मान-मर्दन किया तथा उनके सुदर्शन चक्र के प्रभाव से ब्रजवासियों पर जल की एक बूंद भी नहीं पड़ी, सभी गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे, तब ब्रह्माजी ने इन्द्र को बताया कि पृथ्वी पर श्रीकृष्ण ने जन्म ले लिया है, उनसे बैर लेना उचित नहीं है। तब श्रीकृष्ण अवतार की बात जानकर इन्द्रदेव अपने इस कार्य पर बहुत लज्जित हुए और भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा-याचना की। भगवान श्रीकृष्ण ने 7वें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन तब से चला आ रहा है।
यहां पूजा गाँव ही नही बल्कि भारत हर इस दिन को गोर्वधन पूजा की महापर्व मनाया जाता है।


मा. प्रीतम यादव जी जिला अध्यक्ष यादव समाज महासमुन्द के नेतृत्व में ग्राम छुईहा में यादवों की परम्परा के अनुसार पूरे यादव के साथ साथ सर्व समाज की महिला पुरुष को गोवर्धन भाठा में एक दिप लेकर आने के प्रेरित किये और सभी महिला पुरुष गाँव में गली में राऊत नाचा नाचते हुए गोवर्धन भाठा पहुच कर सभी लोग सुवा निर्त्य व राऊत नाचा आनदं लेते हुए
जिसमें उपस्थित प्रीतम यादव (जिलाध्यक्ष यादव समाज महासमुंद ),गिरधर यादव,जनकराम यादव,सालिक राम यादव,लालाराम यादव ,कांशी राम यादव,मोहन यादव,नंदकुमार यादव,भोजराम यादव,पीताम्बर यादव, शिव कुमार यादव,भनत राम यादव,फगनू राम यादव,डेला राम यादव ,भोला राम यादव, पिलेश्वर यादव, ग्राम रूप से प्रमुख सेत राम चक्रधारी, रामलाल ,कुमार दीवान,मेला राम,भागीरथी ,प्रहलाद साहू ,सबेस दीवान (शिक्षक),लकेश साहू (शिक्षक),कार्तिक दीवान,भुनेश्वर साहू,धनेश्वर दीवान, थानु राम दीवान, गणेश, गोरसिंग,सर्वे लाल दीवान, दयालाल आदि बडी संख्या में उपस्थित रहे।